FD - बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) रेपो दर स्थिर रहने के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) के ब्याज में भी शानदार उछाल हुआ है। इसके अलावा, स्पेशल एफडी (FD) के तहत बैंकों ने सीनियर सिटिजन्स (Senior Citizen) की राशि को दोगुना से अधिक किया है, जिससे सीनियर सिटिजन्स को बड़ी आराम मिला है।
पिछले कुछ सालों में भारतीय मार्केट तेजी से बढ़ गया है, जिसके कारण बैंकों में डिपॉजिट भी बढ़ गया है। इसके साथ ही, RBI रेपो रेट स्थिर रहने से फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज में भी शानदार उछाल हुई है। साथ ही, स्पेशल एफडी के तहत बैंकों ने सीनियर सिटीजन्स की राशि को दोगुना से अधिक किया है। एफडी में सीनियर सिटीजन्स के लिए ब्याज में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के ब्याज में इजाफा भी है।
SBI रिसर्च इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार, देश में सीनियर सिटीजन्स के पास लगभग 7.4 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट खाते हैं, जिनमें कुल डिपॉजिट 34 लाख करोड़ रुपये हैं। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2019 में 14 लाख करोड़ रुपये था। फिक्स्ड डिपॉजिट खातों की अनुमानित संख्या में 41 मिलियन खातों का वृद्धि हुआ है। पांच साल की अवधि में खातों की संख्या में 81 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कमाई डबल से भी अधिक हो गई है
रिपोर्ट के अनुसार, फिक्स्ड डिपॉजिट खातों में बड़ी बढ़ोतरी के साथ ही डिपॉजिट राशि में भी वृद्धि हुई है। पांच साल में फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा राशि 143 फीसदी बढ़ी है। इसका मतलब है कि अगर किसी ने पांच साल के लिए 1 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाया होगा तो उसे आज 2.43 लाख रुपये मिलेंगे। यानी पांच साल में सीनियर सिटीजन की राशि दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
सीनियर सिटीजन को मिलता है ब्याज में आम निवेशकों से अधिक
सीनियर सिटीजन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज आम जनता की तुलना में 50 बेसिस प्वाइंट अधिक दिया जाता है। वहीं एसबीआई और एचडीएफसी जैसे बैंकों ने सीनियर सिटीजन को 75 बेसिस प्वाइंट अधिक ब्याज प्रदान किया है। इसके अलावा, एसबीआई ग्रीन रुपी टर्म डिपॉजिट जैसी योजनाएं 2222 दिनों की अवधि के साथ 100 बेसिस प्वाइंट अधिक ब्याज प्रदान करती हैं।
RBI के निर्णय से एफडी के बढ़े ब्याज
ध्यान दिया जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में, रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। यह सातवीं लगातार नीति बैठक है, जहाँ उसने नीति रेपो दर को बिना परिवर्तन के रखने का विकल्प चुना है। फरवरी 2023 से दरें बरकरार रखने के बावजूद, बैंक ब्याज दरें बढ़ाकर कस्टमर्स को डिपॉजिट के लिए आकर्षित कर रहे हैं।