RBI: हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि आरबीआई (RBI) ने सभी बैंकों के लिए विशेष आदेश जारी किया है, जिसे अक्टूबर से लागू किया जाएगा। इस खबर में हम नीचे देखेंगे कि रिजर्व बैंक के आदेश में क्या कहा गया है और इससे कंज्यूमर को कैसे लाभ होगा।
अब आपको बैंकों से लोन लेने में हिडेन चार्जेज को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों के लिए विशेष आदेश जारी किया है, जिसे अक्टूबर से लागू किया जाएगा। चलिए, जानते हैं कि रिजर्व बैंक के आदेश में क्या कहा गया है और इससे कंज्यूमर को कैसे लाभ होगा।
लोन में लुकाछिपी का अब कोई स्थान नहीं! सबसे पहले आपको बताना चाहेंगे कि आरबीआई का आदेश सभी रिटेल लोन और MSME लोन पर लागू होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों और एनबीएफसी को आदेश जारी किया है। ये आदेश लोन संबंधित चार्जेज और फीस पर लागू होंगे। आरबीआई के ये नए नियम इस साल 1 अक्टूबर से लागू होंगे।
बैंकों को की फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) देना होगा। यह लोन एग्रीमेंट के मुख्य तथ्यों की डिटेल होती है, जिससे लोन लेने वालों को समझने में मदद मिलती है।
आरबीआई ने कहा है कि लोन से जुड़ी सभी फीसों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। बैंकों को कर्ज का वार्षिक प्रतिशत रेट (APR) भी देना होगा। APR से लोन की सालाना लागत पता चलती है। बैंकों को हर साल होने वाले कर्ज के खर्च (Cost of Credit) की भी जानकारी देनी होगी।
इसके साथ ही बैंकों को अपने ग्राहकों को ब्याज दर, इंश्योरेंस चार्ज, और लीगल चार्ज की विस्तृत जानकारी भी देनी होगी। रिकवरी एजेंट पर बैंक की नीति का विवरण भी देना होगा।