Gold Price Today: हाल ही में चल रहे सोने के रेट की चर्चा करते हैं, तो सोने के दामों में तेजी सी दर्ज की गई है। अब होली आने वाली है, जिसका मतलब है कि त्योहार के साथ ही भारतीय लोग सोने और चांदी की खरीदारी में रुचि दिखाएंगे। भारत में हर शुभ अवसर पर, गहनों या सोने की कोई आइटम खरीदी जाती है। सोने में निवेश करना एक अच्छा विकल्प भी है। इस समय, बाजार में सोने और चांदी की भारी मांग के कारण, इसके दाम भी बढ़ गए हैं। खरीदने से पहले, आज के ताजगी भरे भावों पर नजर डालें...
जब हम बात करते हैं सर्वश्रेष्ठ निवेश विकल्प की, तो सोना और चांदी को निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। भारतीय समाज में चाहे विवाह हो या फिर दिवाली जैसा कोई त्योहार, हर अवसर पर सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इस कारण, अधिकांश भारतीय लोग सोने में निवेश करते हैं। वर्तमान में, सोने की मूल्य ने रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच लिया है। पिछले हफ्ते के शुक्रवार को, भारत में सोने कीमत ने नए रिकॉर्ड पर पहुंचकर 67,500 रुपये प्रति 10 ग्राम को छुआ। एक दिन में, इसमें लगभग 900 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई।
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, और विश्वभर के केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद को बढ़ावा देने के कारण सोने कीमत में तेजी आ रही है। शुक्रवार को इसकी स्पॉट कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबार के दौरान 2,200 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई थी। स्पॉट गोल्ड का अंतिम मूल्य 2,179 डॉलर प्रति औंस था, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले 4.65 फीसदी अधिक है। पिछले शुक्रवार को गोल्ड का मूल्य 2,082 रुपये प्रति औंस था। यह स्वीकृत है कि फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की संभावना से सोने कीमतों में उछाल हो सकता है, लेकिन इसकी असली वजह कुछ और है।
रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतों में वृद्धि की असली कारण यह है कि चीन का सेंट्रल बैंक अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहा है। जनवरी महीने में, चीन के गोल्ड रिजर्व में 15वें महीने तक सतत वृद्धि हुई है। अब चीन के गोल्ड रिजर्व पहुंच गये हैं 2,245 टन, जो करीब 300 टन अक्टूबर 2022 के मुकाबले अधिक है। चीन के सेंट्रल बैंक के साथ-साथ, चीनी लोग भी भरपूर मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। चीन दुनिया के सबसे बड़े सोने के खरीदार हैं। सोने की कीमत में वृद्धि के बावजूद, वहां के लोग कॉइन, बार, और गहनों में निवेश कर रहे हैं। इसे बताना जरूरी है कि वहां के स्टॉक मार्केट और प्रॉपर्टी सेक्टर की चुनौती स्वरूप है। इसलिए, चीन के लोग अब अपनी धनराशि को सुरक्षित रखने के लिए सोने में भारी निवेश कर रहे हैं।
समस्या में बढ़ी हुई सोने की चमक।
Natixis के कमोडिटी एनालिस्ट बर्नार्ड डाहदाह ने बताया कि सोने कीमतों में वृद्धि के लिए पश्चिमी निवेशक जिम्मेदार नहीं हैं। पिछले साल, चीन में सोने की भरपूर खरीद हुई थी, और इस साल भी ऐसा ही हो रहा है। सोने ने कभी भी निवेशकों को निराश नहीं किया है। पिछले 24 सालों में इसकी कीमत ने 600 प्रतिशत से अधिक बढ़ाई है। मुसीबत के समय, सोने की कीमत हमेशा बढ़ती है। 1979 में, जब ईरान में इस्लामी क्रांति हुई थी, तो सोने की कीमत डबल हो गई थी। उसी तरह, लाल सागर के बीच होते विद्रोहियों और रूस-यूक्रेन युद्ध से सोने की चमक बढ़ी है।
जानिए सबसे अधिक सोना कहां है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश और सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति, अमेरिका, के सरकारी भंडार में सबसे ज्यादा 8,133 टन सोना रखा गया है। दूसरे स्थान पर जर्मनी है, जिसके केंद्रीय बैंक में 3,353 टन सोना संग्रहित हैं। इटली के पास 2,452 टन गोल्ड रिजर्व हैं। फ्रांस के भंडार में 2,437 टन सोना हैं, जो इस सूची में पाँचवें स्थान पर है। रूस के पास 2,333 टन सोना हैं। चीन इस सूची में छठे स्थान पर है। यूरोप के छोटे से देश स्विट्जरलैंड के पास 1,040 टन सोना हैं। जापान के पास 847 टन गोल्ड रिजर्व हैं। भारत के पास 801 टन गोल्ड रिजर्व हैं, जो इस सूची में नौवें स्थान पर हैं। गोल्ड रिजर्व के मामले में भारत के बाद नीदरलैंड (612 टन), तुर्की (440 टन), ताइवान (424 टन), पुर्तगाल (383 टन), उजबेकिस्तान (377 टन), सऊदी अरब (323 टन) और कजाकस्तान (314 टन) का स्थान है।