अगर आप भी SBI Bank के खाताधारक हैं, तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, आपको बता दें कि आजकल तरह-तरह के फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। जिसके कारण एसबीआई बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इसके बाद बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते इस्तेमाल के साथ बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी तेज हो रहे हैं। आजकल तरह-तरह के फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में एक मामले में अपराधियों ने बैंक अधिकारी के बनकर नागपुर के एक व्यक्ति को करीब 10 लाख रुपये का चूना लगा दिया।
ऐसे मामले अक्सर होते रहते हैं। इसे लेकर एसबीआई ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है और फ्रॉड से बचने के तरीकों के बारे में सूचित किया है।
नए मामले में 10 लाख रुपये की ठगी
पहले हम उस घटना के बारे में चर्चा करते हैं। उस मामले में, ठग ने बैंक के अधिकारी के रूप में बनकर कॉल किया। उसने ग्राहक को बताया कि वह बैंकिंग फ्रॉड से बचाने का काम करता है। बातचीत के दौरान, उसने पीड़ित से डेबिट कार्ड और बैंक खाते की जानकारी ली। इसके बाद, ठग ने पीड़ित के बैंक खाते से 9.66 लाख रुपये उड़ा लिए।
इस तरह से शिकार बनाते हैं
यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे ठग, जो मासूम लोगों को लक्ष्य बनाते हैं, विभिन्न तरीकों से कदम उठाते रहते हैं। कभी-कभी वे ग्राहकों को लोभ में फंसाते हैं और कई बार उनके डर का इस्तेमाल करते हैं। कई ऐसे मामले हैं जिनमें पीड़ितों ने लोभ में आकर ओटीपी शेयर कर दी। कई मामलों में लोगों ने अपनी बैंकिंग विवरण खुद ही उपलब्ध करा दी।
SBI ने काम के उपाय बताए
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, एसबीआई, ने इस दिशा में ग्राहकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही, एसबीआई ने बैंकिंग फ्रॉड से बचने के कुछ उपाय भी बताए हैं। आइए जानें कि ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं:
- बैंक की वेबसाइट पर सीधे जाएं। किसी अन्य साइट पर न जाएं, न ही ईमेल के लिंक पर क्लिक करें।
- फ्रॉड या क्लोन वेबसाइट की जाँच करने के लिए डोमेन नेम और यूआरएल को ध्यान से देखें।
- किसी ईमेल से पासवर्ड या पिन मांगने का अनुरोध न दें। ऐसी सूचना केवल बैंक को दें।
- बैंक या पुलिस कभी भी आपसे बैंकिंग या कार्ड के विवरण नहीं मांगती हैं।
- साइबर कैफे या शेयर्ड पीसी से अपने खाते में लॉगिन न करें।
- अपने कंप्यूटर और लैपटॉप को अपडेट रखें। इससे वायरस हमले के खतरे कम होंगे।
- अपने ऑपरेटिंग सिस्टम पर फाइल और प्रिंटिंग शेयरिंग को डिसेबल करें।
- इस्तेमाल नहीं हो रहे तो कंप्यूटर को लॉग ऑफ करें।
- ब्राउजर में बैंकिंग लॉगिन डिटेल्स को सेव न करें।
- अपने बैंक खाते और लेन-देन को नियमित रूप से जाँचते रहें।