गाजीपुर जिले के ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना के अंतर्गत नवनिर्मित सोनवल स्टेशन से गाजीपुर घाट स्टेशन के बनी नई रेल लाइन का प्रधानमंत्री मोदी जी ने आजमगढ़ से वर्चुअल लोकार्पण 10 मार्च 2024 को किया। इस परियोजना के उद्घाटन को लेकर गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर आयोजित कार्यक्रम में एलईडी टीवी पर प्रधानमंत्री के वर्चुअल लोकार्पण को लाइव दिखाया गया।
नई मेमू ट्रेन का परिचालन शुरू
रविवार को नई मेमू सवारी गाड़ी का परिचालन नए रेल रूट पर पहली बार शुरू हो गया। सवारियों से भरी आठ वैगन वाली मेमू दुल्हन की तरह रंगबिरंगे फूलों से सजी थी। इसके बाद नई मेमू ट्रेन गाजीपुर सिटी स्टेशन से सोनवल के लिए रवाना होगी। इस रेल रूट के बीच गंगा नदी पर रेल कम रोड ब्रिज भी बनाया गया है। महकमे के अनुसार नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल को करीब चार लाख की लागत से बारह किस्म के 40 कुंतल फूलों से सजाया गया है।
नई मेमू ट्रेन गाजीपुर सिटी से दोपहर 12:00 बजे प्रस्थान करेगी, 12:13 बजे ताड़ीघाट, 12:36 बजे नगसर, 12:51 बजे सरहुला और दोपहर 01:15 बजे दिलदारनगर स्टेशन जंक्शन पर इस ट्रेन का आगमन होगा और सभी स्टेशनों पर केवल 2 मिनट का ही ठहराव होगा।
इस परियोजना की आधारशिला
1962 में पटेल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र और जिले में बेहतर रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 2016 जून महीने में वर्तमान सरकार ने इसे स्वीकृति दी। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 नवंबर 2016 को 1766 करोड़ की इस परियोजना की आधारशिला रखी। इसके तहत सोनवल और घाट पर 25-25 करोड़ की लागत से दो नए रेलवे स्टेशन बने हैं, जिनकी लंबाई करीब 620 मीटर है। सोनवल यार्ड में कुल सात ट्रैक बिछाए गए हैं, जहाँ चार प्लेटफार्म हैं, जबकि घाट पर तीन प्लेटफार्म हैं और कुल तीन नई ट्रैक बिछाए गए हैं।
रेल महकमे के अनुसार, गंगा नदी पर स्थित नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल का निर्माण करीब 420 करोड़ की लागत से किया गया है, जिसकी लंबाई करीब 1050 मीटर है। इस पुल से एक साथ सवारियों से भरी दो ट्रेन और ऊपर दोनों तरफ सौ टन लोडेड मालवाहक वाहन आराम से गुजर सकते हैं। महकमे के अनुसार, यह रेल सह सड़क पुल प्रदेश का पहला और एकमात्र पुल है जो नवीन तकनीकी स्ट्रील ट्रस डिजाइन (नट बोल्ट के तकनीकी के आधार पर) के आधार पर बनकर तैयार है।
सोनवल से शहर की ओर जाने वाली लाइन की लंबाई 9.600 किलोमीटर है, जबकि सोनवल से घाट की ओर जाने वाली लाइन की दूरी 7.156 किलोमीटर है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद, यह रूट देश के हर रेलवे जोन से जुड़ जाएगा। इसका सीधा लाभ केवल जिले ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी यूपी सहित पड़ोसी राज्य बिहार को भी मिलेगा। इससे रेल कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी, और आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही, रोजगार, शिक्षा, उद्योग, व्यापार, आदि क्षेत्रों में यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी।