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Joint Home Loan: क्या पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन लेना चाहिए या नहीं, इस पर एक्सपर्ट ने बताए 5 बड़े फायदे

Joint Home Loan: आजकल बहुत सारे लोग घर बनाने के लिए होम लोन लेते हैं, और बैंक भी कम ब्याज पर होम लोन देते हैं। होम लोन का फायदा टैक्स के समय भी होता है क्योंकि इसके लिए टैक्स में छूट मिलती है। कुछ लोग अपनी पत्नी के साथ मिलकर जॉइंट होम लोन लेते हैं, पर क्या यह सही है? आइए एक्सपर्ट्स से जानें Joint home loan के बारे में।

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घर लेना हर किसी के लिए लाइफटाइम इन्वेस्टमेंट की तरह होता है। यह एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल निर्णय होता है, और ज्यादातर लोग होम लोन की मदद से अपने सपनों का घर खरीदते हैं। घर की साइज और लोकेशन खरीदने के दौरान बहुत मायने रखते हैं, और इसकी कीमत भी उन पर निर्भर करती है। अक्सर 80-90 फीसदी तक फाइनेंसिंग होती है, और यह लोन 2-3 दशकों तक चलता है। इसलिए, इंटरेस्ट रेट बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इन मामलों में ज्वाइंट होम लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

Joint Home Loan के प्रमुख लाभ

गोदरेज कैपिटल के चीफ कस्टमर ऑफिसर नलिन जैन ने बताया कि संयुक्त गृह ऋण से घर खरीदने के कई लाभ होते हैं। यदि आप अपनी पत्नी को सह-आवेदक या सह-मालिक बनाते हैं, तो इससे कई फायदे हो सकते हैं। विशेष रूप से अगर पत्नी नौकरी कर रही है, तो इसका लाभ अधिक हो सकता है।

अगर आपकी पत्नी काम कर रही हैं और उन्हें सह-आवेदक बनाकर होम लोन लेते हैं, तो कई लाभ मिलते हैं। पहले तो, लोन की योग्यता बढ़ जाती है। इसका कारण है कि आय का आधार बढ़ जाता है। अगर दोनों का सिबिल स्कोर मजबूत है, तो बैंक का ब्याज दर कम हो जाएगा।

वित्तीय संस्थान महिलाओं को कम ब्याज दर पर होम लोन प्रस्तावित करते हैं। इसके साथ ही, उच्च और स्थिर आय वाले आवेदक को भी कम ब्याज दर प्रस्तावित किया जाता है। महिला सह-आवेदक के कारण, इस प्रकार के मामलों में ब्याज दर पर दोगुना लाभ प्राप्त होता है।

लोन प्रस्ताव में यदि सह-आवेदक का उल्लेख होता है, तो ऋण देने वाले आसानी से लोन प्रदान करते हैं। वास्तव में, इससे रिस्क-रिवार्ड का अनुपात कम हो जाता है। एकल आवेदक के मामले में बैंक का प्रमाणीकरण और प्रोसेसिंग समय थोड़ा अधिक हो सकता है।

यदि आपकी पत्नी सह-आवेदक के साथ सह-मालिक भी हैं, तो टैक्स लाभ भी दोगुना होता है। होम लोन की प्री-पेमेंट पर अनुभवी सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपए तक का टैक्स लाभ मिलता है। मुख्य राशि की चुकाई पर सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स लाभ प्राप्त होता है। इस प्रकार, कुल लाभ 3.5 लाख रुपए तक हो सकता है। यदि पत्नी सह-मालिक हैं, तो यह लाभ दोनों को मिलेगा और कुल नेट टैक्स लाभ 7 लाख रुपए तक होगा।

को-मालिकता से लाभ उठाने के लिए पत्नी को भी ईएमआई का भुगतान करना होगा। यदि पत्नी प्रॉपर्टी का 50 फीसदी मालिक है, तो उसे भी ईएमआई का आधा हिस्सा चुकाना होगा। मान लीजिए कि होम लोन कुछ सालों बाद पत्नी ने नौकरी छोड़ने का फैसला किया, तो बैंक को इसकी सूचना देनी होगी। इस प्रकार के स्थितियों में होम लोन की चुकाने की क्षमता कम हो जाती है। इस सूचना के बाद, बैंक द्वारा संशोधन की कार्यवाही की जा सकती है।

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