Saving Account Cash Limit: बहुत से लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सेविंग्स बैंक खाते में पैसा जमा करवाते हैं। क्या आप जानते हैं कि आपके सेविंग्स बैंक खाते में कितना पैसा जमा होना चाहिए? दरअसल, आपको बता दें, कि आप अपने सेविंग्स अकाउंट में कुछ सीमा तक ही पैसा जमा रख सकते हैं। क्योंकि एक वित्त वर्ष में एक निर्धारित सीमा के बाद आपको इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है। आइए जानते हैं कि यह सीमा क्या है और यह क्यों लगाई जाती है।
अगर आपके पास सेविंग अकाउंट है, तो आपको यह जानना चाहिए कि आप सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में आपके बैंक अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए, ताकि आपके बैंक अकाउंट पर आयकर विभाग का ध्यान न जाए। सेविंग अकाउंट में एक निर्धारित सीमा के बाद पैसा जमा करने से आपके पास आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है, जिसमें आपको यह बताना होगा कि आपके पास यह पैसा कहां से आया है। यदि आप इसका जवाब नहीं दे पाते, तो आप फंस सकते हैं।
आप बैंक खाते में कितना नकद जमा कर सकते हैं?
कैश जमा करने का मतलब है कि आप अपने बैंक खाते में हाथ से पैसा जमा करते हैं, या मनी ट्रांसफर या एटीएम जैसे तरीकों से पैसा जमा करते हैं। लोग अक्सर बैंक लेन-देन करने या इसे सुरक्षित रखने के लिए बैंकों में पैसा जमा करते हैं। पैसा जमा हो जाने के बाद आप इसे निकाल सकते हैं और यह अभी भी कैश जमा के रूप में ही उपयोग किया जाता है।
यहाँ है इनकम टैक्स के नियम
आयकर नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में सेविंग अकाउंट में नकद जमा करने की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये है। सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आयकर अधिनियम 1962 की धारा 114B के अनुसार बड़ी राशि के नकद जमा करने पर आयकर विभाग को सूचित करना चाहिए।
Income Tax रखता है सेविंग अकाउंट पर ध्यान
नकद जमा करने पर आयकर विभाग ध्यान देता है। वह हर सेविंग अकाउंट की जाँच करता है कि जमा किया गया पैसा निर्धारित सीमा से अधिक है या नहीं। यह गणना किसी भी व्यक्ति के सभी बैंक खातों को ध्यान में रखकर की जाती है।
अगर आपके पास कई बैंक खाते हैं, तो ज्यादा ध्यान दें
अगर आपके पास कई बैंक खाते हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि उनमें कैश रखने की सीमा क्या है। यदि आप इसे जानते हैं, तो आप आयकर से बच सकते हैं। नियमों के अनुसार, अगर आप अपने सेविंग्स अकाउंट में निर्धारित सीमा से अधिक राशि रखते हैं, तो आपके खाते पर आयकर विभाग की नजर हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आपको टैक्स भी भरना पड़ सकता है।