इस समय, जब निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, बहुत से लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट का ही चयन करना पसंद है, खासकर बुजुर्गों को। इसका कारण यह है कि इस उम्र में वे किसी भी प्रकार का रिस्क लेना पसंद नहीं करते हैं। एफडी के विकल्प सभी बैंकों में उपलब्ध होते हैं, और आम तौर पर बैंक एफडी में सीनियर सिटीजन्स को आम लोगों की तुलना अधिक ब्याज प्रदान करते हैं। कभी सोचा है कि बैंक ऐसा क्यों करते हैं? चलिए, इसके पीछे की वजहें जानते हैं-
यह है ज्यादा ब्याज देने की वजह
बुजुर्गों को अधिक ब्याज प्रदान करने का कारण यह है कि बैंक उन्हें लोंग टर्म इन्वेस्टर के रूप में मानते हैं जो लम्बे समय तक निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार, वे उन्हें अधिक ब्याज प्रदान करके निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसके अलावा, बैंक सीनियर सिटीजंस को प्राथमिकता वाले ग्राहकों की सूची में शामिल करते हैं। इसका कारण यह है कि वे रिस्क नहीं लेना चाहते और गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम्स को पसंद करते हैं, जिसके कारण उनकी एफडी स्कीम्स में निवेश करने की संभावना बढ़ जाती है। उस संभावना को और बेहतर बनाए रखने के लिए बैंक उन्हें बेहतर ब्याज की पेशकश करते हैं।
एफडी के क्या लाभ हैं? / FD Ke Kya Labh Hai
आमतौर पर, बैंक सीनियर सिटीजन को विभिन्न टेन्योर के एफडी पर जनरल फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले 50 बेसिस पॉइंट, अर्थात 0.50% अधिक ब्याज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक जो अधिकतम 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले 'सुपर सीनियर सिटिजन्स' को 0.25% अतिरिक्त ब्याज प्रदान करते हैं।
एफडी में आपको निश्चित रिटर्न प्राप्त होता है, अर्थात जिस ब्याज दर के साथ आपने पैसा जमा किया है, वही आपको मिलता है। यदि बैंक ब्याज दरों में कोई परिवर्तन हो, तो इसका कोई प्रभाव आपकी एफडी पर नहीं पड़ता है। हालांकि, यदि आपने फ्लोटिंग एफडी खोली है, तो ब्याज की दरें विभिन्न हो सकती हैं।
यदि आपने कहीं एफडी करवाई है, तो आपको इसके बदले में लोन की सुविधा प्राप्त होती है। इसके अलावा, कई बैंकों में लोन के आधार पर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी उपलब्ध होती है। इसका कारण है कि एफडी की रकम बैंक के पास एक गारंटी के रूप में होती है। बैंक आपको लोन उपलब्ध कराता है जो आपकी रकम के हिसाब से होता है। यदि आप लोन को समय पर चुका नहीं पा रहे हैं, तो आपकी एफडी की रकम से उस लोन को कवर किया जाता है।
यदि आप 5 साल या उससे अधिक समय के लिए एफडी करवाते हैं, तो आपको आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट करने का मौका मिलता है (टैक्स छूट का अवसर)। वहीं इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTB के अनुसार, सीनियर सिटीजंस को एफडी पर एक वित्त वर्ष में जो 50 हजार रुपए तक का ब्याज मिलता है, उस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।