Income Tax Saving Tips: यदि आप टैक्स भरते हैं और टैक्स में छूट प्राप्त करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम आपके लिए सर्वोत्तम है। पोस्ट ऑफिस की स्कीमों में निवेश करने पर आपको बेहतरीन ब्याज और इसके साथ ही इनकम टैक्स धारा 80C के तहत छूट भी मिलेगी।
अगर मार्च की शुरुआत से पहले आप अपनी इनकम टैक्स बचाने की सोच रहे हैं, तो आप पोस्ट ऑफिस की स्कीमों की दिशा में विचार कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की एक शानदार योजना राष्ट्रीय बचत योजना या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) है। यह एक फिक्स्ड इनकम बचत योजना है, जिसमें कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना होता है।
पोस्ट ऑफिस द्वारा इस योजना में शानदार ब्याज की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट भी होगी। आप इससे अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स सेविंग कर सकते हैं। आप इस स्कीम में सरकार के भरोसे में निवेश कर सकते हैं।
निवेश कितना किया जा सकता है?
Post office की इस योजना में आप कम से कम एक हजार रुपये और इसके बाद 100 रुपये के मल्टीपल्स में निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इसे ऐसे समझ सकते हैं, जैसे आपने एक महीने में एक हजार रुपये की बचत की, तो इसमें निवेश किया जा सकता है। फिर अगले महीने आप 10 हजार या एक साल तक रुपये निवेश कर सकते हैं।
इस योजना की एक और उत्कृष्ट विशेषता यह है कि इसमें आपको जमा की गई राशि पर कम्पाउंड इंट्रेस्ट मिलता है। NSC के द्वारा प्रदान किए जाने वाले रिटर्न और लाभों के कारण, यह पोस्ट ऑफिस की सबसे लोकप्रिय स्मॉल सेविंग स्कीम में शामिल है। इसी कारण इसकी पॉपुलैरिटी में वृद्धि हो रही है।
बैंक FD के मुकाबले अधिक ब्याज प्राप्त होना
इस स्कीम में निवेशकों को बैंक एफडी से अधिक ब्याज मिलता है। अधिकांश बैंकों की एफडी इंटरेस्ट रेट 7 से 7.5 फीसदी के आसपास होती है। साथ ही, हर तीन महीने में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम के ब्याज में संशोधन किया जाता है। इसमें निवेश की सुरक्षा सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
वर्तमान में, आपको योजना पर 7.7 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। हालांकि, ध्यान देने की आवश्यकता है कि अगर आप ऑफर किए जा रहे ब्याज का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो फिर आपको इस पोस्ट ऑफिस स्कीम (पोस्ट ऑफिस योजना) में अपने निवेश को लॉक-इन-पीरियड तक बनाए रखना होगा, जिससे सभी को पूरे ब्याज का भुगतान किया जाएगा। एनएससी (NSC) में 5 वर्ष का लॉक-इन पीरियड निर्धारित किया गया है।