Senior Citizen को 3 स्मॉल फाइनेंस Bank द्वारा एक उपहार मिला है। इन बैंकों में, एफडी पर 9 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर के साथ अच्छा लाभ हो सकता है। हालांकि, कुछ लोग इन बैंकों में निवेश करने में हिचकिचाहट भी महसूस कर रहे हैं क्योंकि ये छोटे बैंक हैं। अगर आपके परिवार में भी कोई सीनियर सिटीजन है, तो उनके नाम पर इन बैंकों में एफडी करके आप आसानी से बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, क्या यह नए वित्तीय वर्ष में फायदेमंद सौदा हो सकता है? इसके फायदे और हानियों को जानने के लिए यहां देखें।
इन 3 बैंकों में सीनियर सिटीजन्स को 9% ब्याज मिलता है
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में सीनियर सिटीजन 9.50% की ब्याज दर के साथ 2 करोड़ रुपये से कम निवेश करके रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए नियम और शर्तें 2 करोड़ रुपये से कम निवेश और 1001 दिनों की समय-अवधि हैं। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में सीनियर सिटीजन 2 करोड़ रुपये से कम निवेश करके 700 दिनों के लिए 9% की ब्याज दर से रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी वरिष्ठ नागरिक 2 करोड़ रुपये से कम निवेश करके 1000 दिनों के लिए 9.01% की ब्याज दर से रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
क्या नए वित्तीय वर्ष में निवेश करना चाहिए या नहीं?
वृद्ध नागरिकों को बैंक के द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च ब्याज दरों का उपयोग करना उचित है। इससे उन्हें अधिक रिटर्न प्राप्त करने का एक शानदार लॉनग टर्म विकल्प हो सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना जोखिमपूर्ण नहीं होता है और इसके लिए निवेश करना बहुत आसान होता है। इसके अलावा, एफडी में निवेश करने पर रिटर्न की पूरी गारंटी होती है, जो इसे एक सुबही निवेश का सही समय बना देता है। इसमें निवेश करने से पहले अपनी आयु, जोखिम साहित्य क्षमता, आय, व्यवसाय, और वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में निवेश के लाभ और हानियाँ
स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में निवेश के कई लाभ हो सकते हैं। हालांकि, परिस्थितियाँ बदल जाने के कारण, मैच्योरिटी समय पैसे निकालने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करना वह स्थिति बना सकता है, जब बैंक बंद होने की आशंका हो। इसके अलावा, मर्जर की स्थिति में भी आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के रूप में, पंजाब और सिंध बैंक के अलावा महाराष्ट्र सहकारी बैंक की बंद होने के बाद इसमें निवेश करने वालों का पैसा अटक गया था।