Ritesh Agarwal Net Worth: जो लोग व्यापार और स्टार्टअप से जुड़े हैं, उनके लिए शार्क टैंक एक आशीर्वाद साबित हो रहा है। लोग अपने नए विचारों और रचनात्मकता को लोगों के सामने रखकर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए वित्त प्राप्त करते हैं और अपने व्यापार को बढ़ाते हैं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला शार्क टैंक लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। व्यापार मानसिकता वालों के लिए यह शो काफी मददगार साबित हो रहा है।
मैं आपको बताना चाहूंगा कि इससे पहले इस शो के दो सीजन समाप्त हो चुके हैं, और दोनों सीजन को जनता द्वारा प्यार मिला। अब मेकर्स इन के तीसरे सीजन (Shark Tank Season 3) को लेकर आए हैं। तीसरे सीजन का भी प्रतिक्रिया अत्यंत शानदार मिल रहा है, लेकिन इस सीजन में OYO के संस्थापक रितेश अग्रवाल भी नए शार्क्स के रूप में प्रस्तुत हो रहे हैं। जैसे न्यायाधीश, रितेश अग्रवाल को भी लोगों का बहुत पसंद किया जा रहा है।
आपको पता होगा कि रितेश अग्रवाल ने अपने 18 वर्ष की उम्र में ही OYO की आईडिया को उनके दिमाग में आने दिया था और उन्होंने अपनी पढ़ाई को छोड़ दिया था। आपको जानना चाहिए कि वह अब करोड़पति हैं। उनकी कमाई सुनकर तुम्हें अचंभित हो सकता है। अगर तुम भी रितेश अग्रवाल की नेटवर्थ (Ritesh Agarwal Net Worth) जानना चाहते हो, तो इस लेख को अंत तक पढ़ते रहो, और बिना किसी देरी के शुरू करो।
Ritesh Agarwal Net Worth: रितेश अग्रवाल करोड़ों के मालिक है
आपको पता होगा कि साल 2012 में रितेश ने अपनी स्टार्टअप शुरू की थी, जो बाद में असफल हो गई थी। 2013 में उन्होंने ओयो रूम्स की शुरुआत की थी। उनकी नेटवर्थ की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी कुल नेटवर्थ (Ritesh Agarwal Net Worth) 16,462 करोड़ रुपए है।
कुछ साल पहले ही, रितेश अग्रवाल दिल्ली की सड़कों पर सिम का व्यापार करते थे। लेकिन आज उन्हें दुनिया के सबसे युवा बिलियनेयरों की सूची में शामिल किया जाता है। OYO के संस्थापक, रितेश अग्रवाल ने अपनी मेहनत और समर्पण से जो कुछ भी प्राप्त किया है। आज वह दुनिया के 80 देशों के 800 शहरों में होटल व्यापार कर रहे हैं, और छोटी उम्र में ही करोड़ों की कंपनी के मालिक बन गए हैं।
ऐसे हुआ OYO का आरंभ
आपको बता दूं कि ओयो होटल की शुरुआत साल 2013 में हुई थी। और महज 8 वर्षों में यह कंपनी 75,000 करोड़ की कंपनी बन चुकी है। यह 80 देशों के 800 शहरों तक फैल चुका है सस्ते में स्टैंडर्ड रूम और कंपल फ्रेंडली होने की वजह से ओयो रूम्स अक्सर चर्चा में रहता है, लेकिन आपको पता हो कि इसके सीईओ रितेश अग्रवाल ने अपनी ग्रेजुएट भी पूरी नहीं की 18 साल की उम्र में रितेश अग्रवाल ने बिजनेस शुरू करने का सोचा था, तब उनकी जेब में मात्र Rs 30 थे।
रितेश अग्रवाल ने आयो शुरू करने से पहले साल 2012 में और विलरेस्ट नाम की एक ऑनलाइन रूम बुकिंग कंपनी शुरू की थी। रितेश का यह आइडिया इतना अनोखा था कि उसे इंप्रेस होकर गुड़गांव के मनीष सिन्हा ने और विल में इन्वेस्ट किया और को फाउंडर बन गए फिर 2013 में रितेश ने इस कंपनी को और रूम में बदल दिया।