RBI Policy Rate: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को विश्वास दिलाया कि मुद्रास्फीति के नियंत्रण में आने के साथ, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) पॉलिसी दरों में कटौती करेगा। नीतिगत दर Repo Rate फरवरी, 2023 को 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। RBI महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर का उपयोग करता है। गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक मौजूदा स्थिति मजबूत है और महंगाई पर नियंत्रण है।
उन्होंने बताया कि भारत में पिछले 10 सालों की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह दशक सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला था, जिसके कारण ब्याज दर में काफ़ी कमी आई और केंद्रीय बैंक मज़बूत हुआ, और अब वह ब्याज दर को नीचे लाने की क्षमता रखता है।
महंगाई दर को नियंत्रण में है
उन्होंने कहा, "पिछले डेढ़ साल में, यूक्रेन-संकट के बाद, ब्याज दर में फिर से 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अब जब मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में है, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर की स्थिति पलटेगी और जल्दी ही इसमें कमी आएगी। भले ही ब्याज दर में यह कमी अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में हो या फिर उसके बाद वाली दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में।
अगर रिजर्व बैंक रेपो दर में कटौती करता है, तो कंपनियों और व्यक्तियों दोनों के लिए कर्ज लेने की लागत कम हो जाएगी और फलत: ईएमआई (कर्ज की मासिक किस्त) कम होगी। केंद्रीय बैंक ने आठ फरवरी को लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था।
मॉनिटरी पॉलिसी की अगली बैठक कब है?
RBI की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा पांच अप्रैल को होगी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल जनवरी में 5.1 फीसदी पर थी, जो एक साल पहले समान महीने में 6.52 फीसदी के स्तर पर थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में तीन महीने के निचले स्तर 0.27 फीसदी रही। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में कमी से थोक महंगाई दर कम हुई है।
गोयल ने 19 लातिनी और कैरेबियाई देशों के 35 पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि सरकार का 2047 तक 30,000 अरब डॉलर से 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है, जो अभी 3,700 अरब डॉलर है।