Onion Export Ban Lift: केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने के कुछ ही घंटों बाद कीमतों में तेजी देखी जा रही है। नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज के रेट में 40 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के संबंध में किसी भी औपचारिक ऐलान की गई जानकारी नहीं दी है।
लेकिन राज्य मंत्री और नासिक ग्रामीण से सांसद भारती पवार ने बताया कि प्याज के निर्यात पर पाबंदी को हटाने का निर्णय केंद्रीय मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुई मंत्रियों की बैठक में लिया गया है। प्याज की कीमत में तेजी का असर खुदरा बाजार पर भी दिखाई देने लगा है।
2,100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ी प्याज कीमत
मीडिया में निर्यात से पाबंदी हटाने की खबर के बाद, लासलगांव में प्याज की औसत कीमत शनिवार को 1,280 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। सोमवार को मंडी में करीब 10,000 क्विंटल प्याज की नीलामी की गई। इस दौरान न्यूनतम थोक मूल्य 1,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि प्याज का अधिकतम थोक मूल्य 2,100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा। एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) के एक अधिकारी ने बताया कि प्याज निर्यातकों ने विदेशी बाजार में बिक्री करने के लिए प्याज की खरीद शुरू कर दी है।
तेजी में कीमतों में क्यों हुई बढ़ोतरी?
दिसंबर में, प्याज की कीमतों पर नियंत्रण लाने के लिए केंद्र सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. अब सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है, हालांकि इससे जुड़े आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है. केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने इससे संबंधित जानकारी प्रदान की है. इस खबर के प्रभाव से देश के सबसे बड़े प्याज मंडी, लासलगांव में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. निर्यात पर प्रतिबंध हटने के बाद, निर्यातकों ने प्याज की खरीदारी शुरू की है, जिसका बाजार में कीमतों पर प्रभाव हो रहा है।
पाबंदी क्यों लगाई गई थी?
चुनावी साल में, जब घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, सरकार ने कीमतें कम करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस निर्णय का प्रभाव 7 दिसंबर से लेकर 31 मार्च 2024 तक था। इसके बाद, प्याज की खुदाई और थोक कीमतों में कमी देखने को मिली। अब सरकार ने 31 दिसंबर 2024 की आखिरी तारीख से पहले ही निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।
पाबंदी को क्यों हटाई गई
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, प्याज उत्पादकों और व्यापारी इस निर्णय पर असंतुष्ट थें। उनका कहना था कि सरकार के इस कदम से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। किसानों ने यह दावा किया कि वे अपना उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। कुछ लोग इस निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का कारण लोकसभा चुनाव भी मान रहे हैं।