फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर वर्षों से लोगों का विश्वास बना हुआ है, क्योंकि एक निश्चित समय के बाद इसमें गारंटीड रिटर्न प्राप्त होता है। लेकिन कई बार आवश्यकता के समय पर लोग एफडी को समय से पहले ही तोड़ लेते हैं। हालांकि, एफडी को पहले ही तोड़ने की बजाय पैसों की जरूरत को किसी अन्य तरीके से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है। मेजॉरिटी तक पहुंचने से पहले FD को तोड़ने पर आपको कम ब्याज मिलेगा, साथ ही पेनल्टी भी चुकानी पड़ेगी। इसके बारे में यहां विस्तृत जानकारी है-
कम ब्याज और साथ ही पेनाल्टी
यदि आप एफडी को समय से पहले निकालते हैं, तो आपको उस पर वह ब्याज नहीं मिलता है जिसे आपको एफडी खाता शुरू करते समय बताया गया था। एसबीआई के नियमों के अनुसार, मैच्योरिटी से पहले एफडी निकालने पर आपके ब्याज में 1% तक की कटौती हो सकती है। साथ ही, आपको उस पर मिलने वाले ब्याज पर पेनाल्टी भी देनी पड़ सकती है। यदि आप 5 लाख रुपए तक की एफडी करवाते हैं, तो उसे मैच्योरिटी से पहले निकालने पर 0.50% पेनाल्टी देनी हो सकती है। वहीं, 5 लाख से अधिक और एक करोड़ से कम की एफडी कराने पर समय से पहले निकालने पर 1% पेनाल्टी देनी हो सकती है।
एक उदाहरण से समझें
मान लीजिए कि आपने 1 लाख रुपए की FD कराई है जो एक साल के लिए है। यहां आपको 6% ब्याज मिल रहा है, जिसे मैच्योरिटी पीरियड के अंत में, अर्थात् एक साल बाद पूरी राशि के साथ मिलेगा। हालांकि, एक साल से पहले निकालने पर 5% ब्याज मिलेगा, लेकिन इस पर 0.50% की कटौती भी होगी, जो पेनाल्टी के रूप में लागू होगी। इस प्रकार, एफडी पर मिलने वाले ब्याज में 1% तक की कटौती और पेनाल्टी के बाद, आपको दोहरा नुकसान होगा।
नुकसान से कैसे बचा जा सकता है?
समय से पहले एफडी निकालने के नुकसान से बचने के लिए दो उपाय हैं। पहला, यदि आपको लगता है कि कुछ समय बाद आपको पैसे की जरूरत हो सकती है और कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है, तो आप कम समय की एफडी करा सकते हैं। दूसरा, आप एक ही एफडी (FD)में सभी पैसे न लगाकर छोटे-छोटे अंशकों में कई एफडी करा सकते हैं। इससे यह होगा कि समय से पहले पैसा निकालने पर सभी एफडी को तोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आप 1-2 एफडी से पैसा निकालकर अपना काम चला सकते हैं।