हर कोई बैंक खाता इस्तेमाल करता है, और अपने सेविंग अकाउंट, यानी बचत खाते में भी लोग पैसे जमा करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि एक बचत खाते में कितना पैसा रखना सुरक्षित होता है? बैंक के डूबने या दिवालिया होने पर आपका कोई भी पैसा का नुकसान नहीं होगा। ज्यादा पैसे जमा करने पर भी आपकी रकम में कोई नुकसान नहीं होगा।
सरकार ने जनधन खाता खोलने की योजना शुरू की, जिसके बाद हर किसी के पास अपना खाता हो गया है। जनधन योजना के तहत देशभर में लगभग 45 करोड़ खाते खोले गए हैं। लेकिन, यह पूछा जाता है कि आपके खाते में कितना पैसा रखना सुरक्षित है, यह बात बहुत तात्पर्यपूर्ण है। बैंकों तेजी से डूबने या दिवालिया होने की चुनौती नहीं है, लेकिन ऐसे भी कई मामले हैं जहां बैंक दिवालिया हो गए हैं। हाल ही में, एक बैंक के सामने ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें दिवालिया होने की संभावना बढ़ गई थी।
बैंकों की क्या जिम्मेदारी है?
यह बिल्कुल सत्य है कि बैंकों में रखे गए आपके पैसे हमेशा सुरक्षित नहीं रहते हैं। मान लीजिए किसी बैंक में चोरी, डकैती या किसी आपदा में नुकसान हो गया है, तो बैंक आपके पूरे पैसों की कोई गारंटी नहीं देता। इस परिस्थिति में यह महत्वपूर्ण है कि बैंक कितनी रकम लौटाने की जिम्मेदारी बनाए रखता है। आपको ज्यादा पैसे नहीं दिए जाएंगे, भले ही आपने खाते में कितनी भी रकम जमा कर रखी हो।
बैंक कितनी गारंटी लेते हैं?
अब हम आपको बताएंगे कि किसी नुकसान की स्थिति में आखिर बैंकों पर कितना पैसा लौटाने की जिम्मेदारी होती है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के तहत, बैंक में किसी भी रूप में जमा किए गए आपके पैसों पर सिर्फ 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी रहती है। इससे ज्यादा पैसा जमा होने पर बैंक का नुकसान होने की स्थिति में डूब जाएगा। रिजर्व बैंक का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) आपके जमा पैसों की गारंटी लेता है, लेकिन ध्यान रहे कि इसमें सिर्फ 5 लाख से ज्यादा का पैसा शामिल नहीं हो सकता।
खाता हो या एफडी, गारंटी सिर्फ 5 लाख है
ऐसा नहीं है कि केवल एक बैंक ही आपकी 5 लाख तक की रकम की गारंटी देता है। आपके सभी अलग-अलग खातों में, जैसे सेविंग्स अकाउंट, चालू खाता, या एफडी में जितना भी पैसा जमा हो, सभी को मिलाकर उस पर 5 लाख तक की ही गारंटी रहेगी। चाहे आपने अपने पैसे सेविंग्स अकाउंट में जमा किए हों, या चालू खाते में या फिर एफडी में, बैंक केवल 5 लाख तक की गारंटी के लिए ही जिम्मेदार होगा।