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Gold: हॉलमार्किंग के बिना पुराने सोने को बेचने से पहले यह जरूरी बातें जान लें, अन्यथा चूना लग जाएगा

विवाहों में सोने का प्रचलन, या 'gold trend in weddings', बहुत पुराने समय से चलता आ रहा है। शादी के दौरान, वर-वधू को सोने के आभूषण वगैरह दिए जाते हैं। पहले के युग में, महिलाएं अक्सर सोने को सुरक्षित रखती थीं, ताकि यह आवश्यकता के समय का उपयोग हो सके। हालांकि, आज के युग में, नई दुल्हनें पुरानी गहनों को पसंद नहीं करतीं, बल्कि वे समय के हिसाब से ट्रेंडी गहने पहनना पसंद करती हैं। इस तरह, कई बार लोग पुरानी गहने बेचकर नई ज्वेलरी खरीदते हैं।

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तथापि, पुराने सोने की शुद्धता को परिभाषित करने के लिए कोई मानक नहीं था. इस कारण, इन्हें बेचते समय कई ज्वेलर्स खेल सकते थे। ऐसे में, ग्राहक धोखे में पड़ सकता था और उसे इसका पता भी नहीं चल सकता था। यदि आप भी शादियों के मौसम में पुरानी ज्वेलरी बेचना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप पहले इसकी शुद्धता की जाँच करें, ताकि आपको किसी भ्रांति का सामना न करना पड़े। बिना हॉलमार्किंग के सोने की शुद्धता को कैसे जांचा जा सकता है, इसके बारे में भी जानें।

सोने को बेचने से पहले हॉलमार्किंग करवाएं

यदि आपका सोना हॉलमार्किंग के बिना है, तो आपको इसे बेचने से पहले इसकी हॉलमार्किंग करवाना चाहिए। सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से सोना खरीदने और बेचने के लिए 6 डिजिट वाला हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर को भी अनिवार्य बना दिया है। देश में सोने की शुद्धता की जाँच का कार्य BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) करता है, और हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की सरकारी गारंटी प्रदान करती है। हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी पर BIS के तिकोने निशान वाला हॉलमार्क होता है।

पुराने गहने की हॉलमार्किंग कैसे कराएं

यदि आप पुराने गहने की हॉलमार्किंग करवाना चाहते हैं, तो यह कार्य बहुत आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए, आपको सबसे पहले BIS की वेबसाइट पर जाकर अपने शहर में मौजूद BIS सेंटर का पता करना होगा, जहां कैरेट मापने की मशीन उपलब्ध होती है। यह मशीन तीन लेयर पर सोने की जांच करती है और इसके बाद सोने की शुद्धता को कैरेट में बताती है। इसके बाद, BIS द्वारा सोने की हॉलमार्किंग की जाती है। पुराने गहनों पर हॉलमार्किंग करवाने का शुल्क प्रति गहना 45 रुपए है। हॉलमार्किंग कराने के बाद, जब आप गहने को बदलेंगे, तो आपको यह पता चलेगा कि आपका सोना कितने कैरेट का है और आप ज्वेलर्स की ठगी से खुद को बचा पाएंगे।

नई ज्वेलरी खरीदते समय सावधानी बरतें।

  • ज्वेलरी में BIS की हॉलमार्किंग की जाँच करें।
  • ज्वेलरी की शुद्धता को कैरेट में मापें।
  • स्टोन वाली ज्वेलरी खरीदते समय सोने और स्टोन के वजन को अलग-अलग तौलें।
  • ज्वेलरी का वजन जाँचें और ज्वेलरी पर लिखे गए वजन के साथ मिलाएं।
  • बिल में डायमंड, सोने का वजन, और रेट अलग-अलग लिखवाएं।
  • यह सुनिश्चित करें कि गहने पर यूनीक कोड और ज्वेलर का नाम लिखा है या नहीं।

सोना कितने कैरेट में है, उसकी फीसदी क्या है?

22 कैरेट सोने पर 916, 18 कैरेट के सोने पर 750, और 14 कैरेट के सोने पर 585 नंबर लिखा होता है। इन अंकों को देखकर आप पहचान सकते हैं कि सोना कितने कैरेट का है। 22 कैरेट के सोने में 91.66 फीसदी सोना होता है, 18 कैरेट में 75 फीसदी और 14 कैरेट में 58.3 फीसदी सोना होता है। इसके साथ अन्य धातुओं को मिश्रित करके सोने के गहने तैयार किए जाते हैं।

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