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Budh Grah Upay: बुध ग्रह को शांत करने के लिए क्या करें - बुध ग्रह शांति के उपाय

Budh Grah Upay: ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों को मानव जीवन पर प्रभाव डालने वाला माना गया है। इनमें से एक बुध या बुधा ग्रह बुद्धि, बातचीत और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। यदि बुध ग्रह आपकी कुंडली में अशांत है, तो इससे बौद्धिक क्षमताओं में कमी, बातचीत में बाधा और व्यापार-व्यवसाय में हानि हो सकती है।

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बुध ग्रह ज्योतिष में बुद्धि और बौद्धिक विषयों का ग्रह है। बुध से नियोजन, गणना, गणित और समय पड़ने पर निर्णय क्षमता देखी जाती है। बुध कुंडली / Budh Kundli में जितना सुस्थिर हो, बली हो, अशुभ ग्रहों से दृष्ट न हो, उतना ही वह बली होता है और अपने पूर्ण फल देने की क्षमता रखता है। शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए बुध की स्थिति विशेष महत्व रखती है। इसके साथ ही बुध कुंडली में सुस्थित हो तो इससे व्यापारियों को भी इसका विशेष लाभ मिलता है। बुध ग्रह को व्यापारिक बुद्धि और व्यापारिक सोच का ग्रह कहा गया है।

व्यापार में निर्णय बहुत जल्द और सोच समझ कर लेने होते है। निर्णयों में देरी से कई बार बड़ा लाभ / अवसर हाथ से निकल जाता है। इसलिए व्यापारियों की कुंडलियों में बुध अस्त और वक्री होना बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। कुंडली / Kundli में बुध अस्त हो तो व्यक्ति की बुद्धि सही समय पर काम नहीं करती है, और कई बार लिए गए निर्णय गलत भी हो जाते है। इसी प्रकार बुध वक्री हो तो व्यक्ति जल्दबाजी में निर्णय लेता है, जिसके वजह से गलतियां होती है और व्यक्ति के पास पछताने के अलावा कोई मार्ग नहीं बचता है।

वैसे तो कुंडली में सभी नवग्रह अपना अपना महत्त्व रखते है। फिर भी मंत्री मंडल में बुध को राजकुमार का स्थान प्राप्त होने के कारण, बुध ग्रह का महत्व विशेष हो जाता है। चार साल की आयु से लेकर 21 साल तक  की आयु के मध्य की अवधि में अधिकतर सभी शिक्षा ग्रहण कर रहे होते है, इस समय अवधि में यदि किसी बालक की कुंडली में बुध की महादशा / अन्तर्दशा चल रही हो तो उस बालक के लिए समय काफी हद तक अनुकूल हो जाता है।

बशर्ते की कुंडली में बुध अकारक या अशुभ होकर स्थित न हो। Kundli में बुध की स्थिति सूर्य के साथ या सूर्य के आसपास के भावों में होती है। बुध सूर्य के साथ बैठता है तो बुधादित्य योग का निर्माण करता है। बुध ग्रह / Mercury Planet के एक खास विशेषता है की वह जिस ग्रह के साथ बैठता है उस ग्रह के जैसा हो जाता है। शुभ ग्रह के साथ बैठने पर शुभ और अशुभ ग्रह के साथ बैठने पर अशुभ हो जाता है। बुध जिस ग्रह के साथ होता है उसी के अनुरूप उसकी शुभता तय होती है। छात्र जीवन में बुध का कमजोर होना, नुकसान देह रहता है। छात्र जीवन सारे जीवन की नींव होता है, और नींव कमजोर हो तो सारा करियर प्रभावित होता है। छात्रों में भी जो छात्र गणित, या गणना से सम्बंधित विषयों का अध्ययन कर रहे है, उन सभी को अपनी कुंडली में बुध की स्थिति को शुभ करने और बली करने के उपाय अवश्य करने चाहिए।

बुध वाणी का भी कारक ग्रह है। और छात्र जीवन में छात्र को अपनी बात कक्षा, समूह व अन्य स्थानों पर रखने के कई बार संयोग बनते है। बुध की स्थिति को उपायों से सुधार कर छात्र अच्छा वक्ता बन सकता है। बुध भाषण देने और तर्क शक्ति भी देता है। वाकपटुता भी बुध के कारकतत्वों में आती है। वाकपटुता आने से छात्र अपने सवालों का जवाब बेहतरीन तरीके से देता है। बुध को अगर कुंडली में गुरु ग्रह का साथ भी मिल जाये तो दोनों की शुभता में वृद्धि होती है। गुरु ग्रह विवेक का कारक है, और बुध बुद्धि का। विवेक और बुद्धि दोनों एक दूसरे की पूरक है। बुध ग्रहों में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बुध प्लानिंग करने की योग्यता देता है। क्या करना है और कैसे करना है यह बुध के द्वारा तय होता है। शिक्षा अध्ययन में प्लानिंग के साथ चलने से शिक्षा अध्ययन के परिणाम बेहतर आते है। लेखकों की कुंडली में भी बुध की स्थिति अपना विशेष महत्त्व रखती है। 

बुध ग्रह के शुभ फल पाने के लिए निम्न उपाय करने से लाभ मिलता है 

बुध ग्रह की शुभता बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तरीका तो यह है की अपनी जन्म कुंडली / Janam Kundli किसी योग्य ज्योतिषी को दिखाई जाए, और कुंडली में ग्रह की शुभता और अशुभता को ध्यान में रखते हुए उपाय किये जाएँ। क्योंकि उपाय करने से पूर्व यह जान लेना चाहिए की कुंडली में ग्रह की स्थिति क्या है, वह शुभ है या अशुभ है। शुभ ग्रह की शुभता बढ़ाने के लिए रत्न धारण किये जाते है। और अशुभता कम करने के लिए ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं का दान किया जाता है। जिन लोगों को अपनी कुंडली मालूम न हो वो सामान्य उपाय कर लाभ ले सकते है।

निम्न प्रकार से जीवनशैली में बदलाव कर बुध ग्रह को अनुकूल किया जा सकता है 

बुध ग्रह हरी वस्तुओं से सम्बंधित ग्रह है, बुध ग्रह के कारकत्वों को ग्रहण करने के लिए जातक मुख्य रूप से हरे रंग के वस्त्रों को धारण करें। इसके लिए कुंडली में बुध शुभ रूप में होना चाहिए। बुध लग्नेश हो या राजयोग में शामिल ग्रह हो तो बुध के रंग के वस्त्र जातक को सप्ताह में एक बार धारण करने ही चाहिए।

बुध ग्रह की शुभता को बढ़ाने और अशुभता को कम करने के लिए बहन और बेटियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहन बेटियों का सम्मान करना और बहन बेटियों को समय समय पर कुछ न कुछ उपहार भी देते रहना चाहिए। 

बहन की खुशियों का ख्याल रखने से भी बुध ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है।

बुध ग्रह शांति के सरल उपाय - Budh Grah Shanti Ke Saral Upay

बुध की अशांति से निपटने के लिए, कुछ उपाय ज्योतिष में सुझाए गए हैं। आइए जानते हैं बुध ग्रह को शांत करने के लिए क्या करें:

  • बुध ग्रह की शांति के लिए भगवान् विष्णु जी का विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।
  • बुधवार के व्रत का पालन करने से भी बुध ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है।  
  • बुध मन्त्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: का एक माला नित्य जाप करने से ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है। व्रत के दिन भी मन्त्र का जाप किया जा सकता है।
  • बुध ग्रह की नियमित रूप से पूजा करने से भी बुध ग्रह को बल मिलता है।
  • स्नान कर बुध यंत्र के सम्मुख बुध मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: का जाप करने से बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
  • प्रात: काल में भगवान विष्णु जी की पूजा करने से बुध ग्रह शुभ होता है।
  • जन्मपत्री में बुध की स्थिति प्रतिकूल हो तो हरी वस्तुओं का दान जैसे - हरे मूंग, घी, हरे वस्त्र, चाँदी, नीले फूल, कांसे के पात्र, हाथी दांत आदि का दान बुधवार के दिन करना चाहिए।
  • जन्मपत्री / Janampatri में बुध केंद्र और त्रिकोण में से किसी का स्वामी होकर केंद्र और त्रिकोण में स्थित हो तो व्यक्ति को बुध ग्रह की शुभता पाने के लिए बुध रत्न पन्ना बुधवार के दिन कनिष्क अंगुली में धारण करना चाहिए। बुध की राशि वालों को बुध रत्न धारण करना बहुत शुभ रहता है।
  • शालिग्राम जी का दर्शन पूजन करने से बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
  • बुध कुंडली में सुस्थित न हो तो व्यक्ति बौद्धिक कार्यों को नहीं कर पाता है। निर्णय लेने के समय वह कंफ्यूस हो जाता है।
  • बुधवार के दिन हरी इलायची का सेवन करने से बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
  • 10 बुधवार का व्रत करने से बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
  • बुध कुंडली में शुभ स्थित न हो तो, बुधवार के दिन हरी मूंग का दान किसी भिखारी को करना चाहिए।
  • हरी वस्तुओं को बुधवार के दिन किसी बहते हुए पानी में बहाएं।
  • गणपति जी का दर्शन पूजन अतिशुभ माना जाता है। बुद्धि का साथ पाने के लिए गणपति भगवान का पूजन लाभकारी माना जाता है।
  • कई बार कुंडली में बुध सुस्थित होता है परन्तु फिर भी जातक बौद्धिक कार्यों को नहीं कर पाता है। इस स्थिति में बुध या लग्न दोनों में से एक या दोनों पर राहु का प्रभाव आ रहा होता है। राहु के प्रभाव के कारण बुध अपना फल नहीं दे पाता है, ऐसे में बुध के कार्यों को राहु कंट्रोल कर लेता है। और बुद्धि काम करना बंद कर देती है। जिसे भ्रम की स्थिति कहते है, या विवेक का काम न करने की स्थिति कहते है।
  • साली को उपहार देने से भी बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
  • कौड़ियों को बहते हुए जल में प्रवाहित करने से बुध ग्रह मजबूत होता है।
  • कांसा धातु बुध की धातु है, बुध कुंडली में अशुभ हो तो कांसा का बर्तन दान करें। बुध शुभ स्थित हो तो कांसे के बर्तन में पानी रखकर पीना चाहिए।
  • बुध ग्रह की शुभ दिशा उत्तर दिशा है, उत्तर दिशा को साफ सुथरा रखने से बुध ग्रह को बल मिलता है।
  • बुद्धि की कमी का सामना कर रहे छात्रों को उपरोक्त उपाय अवश्य करने चाहिए।
  • बुध ग्रह क्योंकि व्यावसायिक बुद्धि, बिजनेस बुद्धि का ग्रह है, इसलिए बुध में संवेदनशीलता की कमी पाई जाती है।
  • सूंघने की शक्ति भी बुध से ही देखी जाती है।
  • कमजोर बुध सोचने समझने की शक्ति को कमजोर करता है।
  • अगर व्यापार करना चाहते हो तो व्यक्ति को अपना बुध मजबूत करना चाहिए।
  • बुध त्वचा रोग देता है। यदि किसी जातक को त्वचा रोग अधिक होते है तो उसे अपना बुध ग्रह बली होना चाहिए।
  • जिन जातकों को बोलने में समस्या आती है, या जो बालक वाणी दोष से पीड़ित है, उन बालकों को बुध के उपाय करने से रोग में लाभ मिलता है।
  • जातक यदि उपाय करने में समर्थ न हो, तो उसे बुध शांति अनुष्ठान या नवग्रह शांति अनुष्ठान करने से बुध ग्रह शुभ होता है।
  • बुध ग्रह की शांति के लिए पक्षियों को दाना खिलाना उपाय है।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने बुध ग्रह को शांत कर सकते हैं। साथ ही, ये आपकी बुद्धि और वाणी सम्बन्धी समस्याओं का भी समाधान करेंगे। अतः इन्हें अवश्य अपनाएं और बुध ग्रह की अनुकूलता प्राप्त करें।

FAQs

बुध दोष से क्या समस्याएँ हो सकती हैं?
बुध दोष से व्यक्ति को बौद्धिक क्षमता में कमी, भाषण और वाणी में बाधा, स्मरण शक्ति कमजोरी, तर्क करने में दिक्कत जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। साथ ही व्यापार-व्यवसाय में भी नुकसान हो सकता है।

बुधारायण पाठ कब करना चाहिए?
बुधारायण पाठ करने का सबसे अच्छा दिन बुधवार होता है। इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नानधोकर बुध देवता की पूजा की जा सकती है।

बुध यंत्र पहनने के लाभ क्या हैं? 
बुध यंत्र पहनने से व्यक्ति की बुद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही वाणी संबंधी दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को धन लाभ भी हो सकता है।

बुध नीलम क्या होता है?
नीलम बुध ग्रह से संबंधित रत्न माना गया है। इस रत्न को धारण करने से भी बुध दोष दूर होता है और बुद्धि वृद्धि होती है।

क्या बुधवार को झूठ बोलने से बुध दोष बढ़ता है? 
हाँ, मान्यता है कि बुधवार के दिन झूठ बोलने से बुध देव क्रोधित होते हैं और बुध दोष बढ़ जाता है। इसलिए बुधवार को भी सत्य बोलना चाहिए।

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