रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) का बैठक अब शुरू होने वाला है। मौद्रिक नीति समिति की तीन-दिवसीय बैठक 6 फरवरी से 8 फरवरी तक चलेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, ईएमआई (EMI) में वृद्धि की उम्मीद अभी कम है। पिछले एक साल की वृद्धि के बाद, इस हफ्ते आरबीआई कोई ब्याज दरों में परिवर्तन कर सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस हफ्ते ब्याज दरों में कोई परिवर्तन करने का कोई कदम नहीं उठाएगा। हालांकि, सरकार ने बजट में घाटा कम किया है, जिससे आशा थी कि दरें जल्दी घटेंगी, लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है।
अधिकांश बैंकर और अर्थशास्त्री / bankers and economists मानते हैं कि ब्याज दरों में कटौती साल के दूसरे छमाही में ही होगी। इस बार ब्याज दरों में कटौती (ब्याज दरों को कम करना) की उम्मीद भी कम ही है। इसकी पहली वजह विदेशी व्यापार में परेशानी है। यमन के हूथी विद्रोहियों ने जहाजों पर हमला करने की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा आने का खतरा है। इससे भारतीय आयात प्रभावित हो सकता है।
दरों में नहीं होगी कोई कटौती
अमेरिकी फेडरल रिजर्व और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंकों (US Federal Reserve और UK Central Banks) ने संकेत दिया है कि वे जल्दी दरें नहीं घटाएंगे। रिजर्व बैंक खुश है क्योंकि महंगाई धीरे-धीरे कम हो रही है और अर्थव्यवस्था भी अच्छी चल रही है। ऐसे में अभी आपको लोन और ईएमआई पर ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा, लेकिन उम्मीद है कि साल के अंत तक दरें कम हो जाएंगी।
फरवरी 2023 में किया गया था बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी रेपो दर (रेपो दर) को आखिरी बार फरवरी 2023 में बढ़ाकर 6.5 फीसदी पर पहुंचाया था। जबकि नीति दर पिछले 12 महीनों में स्थिर रही है। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिन की बैठक छह फरवरी को शुरू होगी। गवर्नर शक्तिकांत दास आठ फरवरी को समिति के निर्णय की घोषणा करेंगे।