जब आप बैंक में लोन के लिए आवेदन करते हैं और सिबिल स्कोर जांचते हैं, और वह डाउन होता है, तो आपको लोन नहीं मिलता। यह समस्या आम बात है और 10 में से 6 भारतीयों के साथ होती है। हम आपको बताएंगे कि सिबिल स्कोर क्या होता है? और यदि यह कम है, तो उसे कैसे बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, एक अच्छे सिबिल स्कोर (Cibil Score) से आम नागरिक को क्या फायदा होता है, इसके बारे में भी बताएँगे।
सिबिल स्कोर क्या होता है, यह जानें
सबसे पहले आप यह जानिए कि सिबिल स्कोर (Cibil Score) होता क्या है? सिबिल स्कोर वह स्कोर है जो आपकी गुणवत्ता को बताता है, कि आप लोन कितने समय में चुका पा रहे हैं। अर्थात आपकी ऋणकर्ता इतिहास। यदि आपने कोई ऋण लिया है और आपने उसे सही समय पर चुका दिया है, तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा रहेगा। लेकिन यदि आपने पहले कभी ऋण लिया है और आपने उसे सही समय पर नहीं चुकाया है, तो आपका सिबिल स्कोर कम होगा। जिससे बैंक आपको आगे लोन देने के मामले में शंका के साथ देखता है।
सिबिल स्कोर खराब होने पर ये काम करें
अब यह सवाल उठता है कि यदि सिबिल स्कोर खराब है, तो उसे कैसे सुधारा जाए? अगर आपने पिछले में लोन लेकर कोई गलतियां की हैं, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपने खराब सिबिल स्कोर को आसानी से सुधार सकते हैं। उसके लिए आपको एक छोटा-मोटा लोन लेना होगा। उसकी EMI सही समय पर चुकानी होगी। अगर आप अग्रिम पेमेंट कर सकते हैं तो यह और भी बेहतर है। इसके बाद आपका सिबिल स्कोर धीरे-धीरे खुद-ब-खुद सुधारने लगेगा।
खराब सिबिल स्कोर होने के नुकसान
Cibil Score अगर खराब हो, तो क्या नुकसान हो सकते हैं? मान लीजिए आपका सिबिल स्कोर 350 है, जो कि अमूमन 750 से 900 के बीच में परफेक्ट माना जाता है। जितना अधिक आपका सिबिल स्कोर होगा, उतनी ही बैंक आपको आसानी से लोन दे पाएगा, साथ ही आपसे ब्याज भी ज्यादा नहीं वसूला जाएगा। इसलिए, अच्छा सिबिल स्कोर रखने के फायदे अनेक हैं।
सिबिल स्कोर के लिए कई नियमों में परिवर्तन हुए हैं
आरबीआई ने NBFC Bank को चेतावनी दी है कि वे समय-समय पर अपने ग्राहकों को सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी देते रहें, ताकि ग्राहक लोन को पूरा करने में कोई देरी न करें। साथ ही, आरबीआई ने फरमान सुनाया है कि सभी एनबीएफसी बैंक किसी भी समस्या का निपटारा 30 दिन के अंदर करें, नहीं तो 100 रुपए रोजाना का जुर्माना देना होगा।