गाजीपुर में सड़क दुर्घटना में मृत बेटे की आत्मा की शांति के लिए परेशान एक पिता, जिसे ठग ने चंगुल में फंसा दिया था, ने शनिवार की देर शाम शहर कोतवाली की शरण में आना पड़ा। पीड़ित ने तहरीर देकर बताया कि ठग ने 16 लाख रुपये से अधिक ठगी की थी।
उसने कहा कि इस खर्च के बाद उसके मृतक लड़के की आत्मा, जो प्रेतयोनी में भटक रही है, को पूर्ण रूप से शांति मिलेगी। भविष्य में परिवार में कोई अशांति या अकाल मृत्यु नहीं होगी, और जितना धन खर्च हो रहा है, उसका दस गुना बरक्कत मिलेगी। फिलहाल, पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
नंदगंज थाना क्षेत्र के मदनही गांव निवासी राजेश यादव ने पुलिस को दिए गए तहरीर में बताया कि उनके पुत्र अखिलेश यादव की मौत 2005 में एक दुर्घटना में हुई थी। दूरस्थ रिश्तेदार ने बताया कि छावनी लाइन में एक बाहरी व्यक्ति एक दवाखाना चलाता था और उसने झाड़-फूंक और तंत्र विद्या का काम भी किया करता था।
वह यह बताएगा कि उनके पुत्र की मौत के पीछे का कारण और निवारण क्या हो सकता है। जब दवाखाना पहुंचा गया तो वहां मौलाना के रूप में उत्तराखंड प्रांत के हरिद्वार जनपद के सिविल लाइन थाना के सुभाषनगर निवासी इमरान पहचाना गया। वह शहर के सुजावलपुर मुहल्ले में किराए के मकान में रहता था।
वहां कई बार बुलाकर तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के नाम पर, गरीबों को खाना-खिलाने एवं चढ़ावा के नाम में चार लाख रुपए नगदी ले लिए गए। साथ ही विश्वास के साथ उसने दावा किया कि पैसा खर्च करने के बाद पुत्र की आत्मा को शांति मिलेगी। इस विश्वास में, उसने चार लाख रुपए और 12 लाख 76 हजार 300 रुपये का सोना मौलाना इमरान को सौंप दिया।
उसने बताया कि तीन जनवरी को मदनही आकर तंत्र-मंत्र करेंगे। मौलाना को गांव ले जाने के लिए जब सुजावलपुर किराये के मकान पर पहुंचा, तो वहां एक ताला बंद मिला। पूछताछ में पता चला कि वह दो जनवरी को ही सारा सामान लेकर फरार हो गया है। इस संबंध में कोतवाल दीनदयाल पांडेय ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की छानबीन जारी है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।