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Vinayaka Chaturthi 2024 List: साल 2024 में विनायक चतुर्थी कब - कब है? जानें सही तिथि

Vinayaka Chaturthi 2024 List: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी को विशेष महत्व प्राप्त है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जो हर माह शुक्ल पक्ष के दौरान आता है। इस विशेष दिन पर भक्त बप्पा के लिए उपवास करते हैं और उनकी विधि के अनुसार पूजा करते हैं।

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भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है, जो अपने भक्तों के जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर करते हैं। इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, इसलिए साल 2024 में विनायक चतुर्थी के दिन का आयोजन कब-कब है, उसके बारे में जानते हैं -

2024 में विनायक चतुर्थी की सूची

पौष शुक्ल चतुर्थी - 14 जनवरी 2024।

माघ शुक्ल चतुर्थी - 13 फरवरी 2024।

फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी - 13 मार्च 2024।

चैत्र शुक्ल चतुर्थी - 12 अप्रैल 2024।

चतुर्थी तिथि समाप्त - 13 अप्रैल 2024।

वैशाख शुक्ल चतुर्थी - 11 मई 2024।

चतुर्थी तिथि समाप्त - 12 मई 2024।

ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी - 10 जून 2024।

चतुर्थी तिथि समाप्त - 10 जून 2024।

आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी - 9 जुलाई 2024।

श्रावण शुक्ल चतुर्थी - 8 अगस्त 2024।

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी - 7 सितंबर 2024।

आश्विन शुक्ल चतुर्थी - 6 अक्टूबर 2024।

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी - 5 नवंबर 2024।

मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी - 5 दिसंबर 2024।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

  • प्रातः को शीघ्र उठकर पवित्र स्नान करें।
  • भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें और उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं।
  • बप्पा को पीले फूलों की माला, दूर्वा घास, और बूंदी के लड्डू, मोदक का भोग अर्पित करें।
  • भगवान गणेश के मंत्रों और चालीसा का पाठ करें।
  • आखिर में आरती से पूजा को समाप्त करें।
  • व्रत रखने वाले व्रती शाम को चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने के बाद अपना व्रत प्रसाद से खोलें।

भगवान गणेश के इन मंत्रों का जाप करें, जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

ॐ ग्लौं गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौं गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करो दूर क्लेश।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा॥

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

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