अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत पर भारत अभ्युदय श्रीराम रथयात्रा ने हथियाराम मठ परिसर से पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यतिजी महाराज द्वारा धर्म ध्वज का प्रदर्शन करते हुए रवाना किया। जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयघोष से समूचा क्षेत्र उत्साह से भरा हुआ था।
युगदृष्टा स्वामी विवेकानंद की जयंती के शुभ अवसर पर भारत अभ्युदय श्रीराम रथ यात्रा ने धर्म ध्वज का प्रदर्शन करते हुए पीठाधिपति और जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने कहा कि हिन्दू समाज ने 500 वर्षों की प्रतीक्षा और बीस पच्चीस पीढ़ियों के संघर्ष के परिणामस्वरूप इस शुभ दिन को प्राप्त किया है।
बाबर ने जिस आस्था को तलवार के दम पर विध्वंस करने का प्रयास किया था, वह पांच सौ वर्षों बाद जन आस्था की शक्ति से रामलला की प्राणप्रतिष्ठा द्वारा पुनः स्थापित हो रही है। लोकमंगल, जनमत सुशासन, सुव्यवस्था, स्वतन्त्रता, समानता, न्याय, बंधुत्व की जड़ें रामराज्य से निकलती हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम राष्ट्र हैं, और माता सीता राष्ट्र की संस्कृति हैं। विश्व संस्कृति में फैले रामतत्त्व तक मनुष्य के लिए जो भी सर्वोत्तम है, वह राम है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारत में रामराज्य की स्थापना और विश्व गुरू बनने का प्रयास है। रामराज्य की स्थापना से तात्पर्य है, एक विकसित और समर्थ भारत की रचना करना। प्राण प्रतिष्ठा प्रचार अभियान समिति के काशी प्रांत संयोजक डॉ. संतोष यादव के नेतृत्व में निकली यह भारत अभ्युदय श्रीराम रथ यात्रा जनपद के सभी नगरों और गांवों में घूमकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन लोगों को उनके घरों में उत्सव मनाने के लिए प्रेरित करने का संदेश दे रही है।