गाजीपुर जिले में जनवरी की शुरुआत से बढ़ती हुई कड़कड़ाती ठंडी से लोगों की स्वास्थ्य स्थिति में परेशानी बढ़ रही है। इसका असर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में आने वाले मरीजों की तादाद पर भी हो रहा है, जो दोगुनी हो गई है। शनिवार को जिला प्रशासन ने ठंड के चलते 14 जनवरी तक 8वीं के निजी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं, जबकि तापमान ने शनिवार को 22 से लेकर 15.8 डिग्री सेल्सियस को भी छू लिया।
शनिवार को दोपहर में हल्की धूप थी, लेकिन गलन और सर्द हवाएं ने लोगों को कंपकंपाया। शाम तीन बजे के बाद, धुंध का प्रभाव ग्रामीण इलाकों में बढ़ने से लोग शाम तक अपने घरों में दुबक जा रहे हैं। दिन में भी लोगों को अलाव तापते हुए देखा जा रहा है। ठंड के कारण नगर के पार्कों में खेलने के लिए बच्चे कम दिख रहे हैं। इसी बीच, अस्पतालों में सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
प्रतिदिन मेडिसिन विभाग में 450 मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं, जिनमें करीब 40 से 50 बच्चे और 80 से 90 बुजुर्ग शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आनंद मिश्रा ने बताया कि ओपीडी में पहले 100 से 150 मरीज आते थे, लेकिन इस दौरान यह संख्या 450 तक बढ़ गई है। इसमें बच्चों की संख्या अधिक नहीं है, लेकिन बुजुर्गों की संख्या काफी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने की संभावना है, हालांकि वातावरण में हल्का कोहरा देखने की संभावना है। इसके बावजूद, आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना नहीं है।
मौसम के जानकारों के अनुसार, शुक्रवार को हुई हल्की बारिश रबी के फसलों, सब्जियों, और फलों के लिए फायदेमंद है। यदि बारिश अधिक होती रहती, तो सब्जियों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। हल्की बारिश से सबसे अधिक फायदा गेहूं और जौ को होगा।
ठंड और शीतलहर के मौसम के दौरान पशु-पालकों को विशेष रूप से पशुओं के साथ सतर्क रहने की आवश्यकता है। पशुओं को उन स्थानों पर रखना चाहिए जहां उन्हें ठंड नहीं लग सकती है। साथ ही, पशुओं के आश्रय स्थानों में ठंड से बचाव की व्यवस्था करनी चाहिए।
ठंड और गलन के मौसम को देखकर बेसिक शिक्षाधिकारी हेमंत राव ने बताया कि सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को कक्षा एक से आठ तक को 14 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है। उल्लंघन करने वाले विद्यालय संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले ही सरकारी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का निर्देश जारी किया जा चुका है।
ठंड में सबसे अधिक दिक्कत बुजुर्गों और बच्चों को होती है। इस स्थिति में, मौसम के मिजाज को देखते हुए उन्हें हमेशा गरम कपड़े पहनना चाहिए। सामान्य पानी की बजाए गरम पानी का सेवन करना चाहिए। वहीं, बाहर कुछ भी खाने से परहेज करना चाहिए। सुबह के समय ठंड होने पर टहलने से बचना चाहिए। इसी तरह, बच्चों को भी बाहर खेलने के लिए अभिमान नहीं करना चाहिए।