क्या आप जानना चाहते है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या है तो चलिए सम्पूर्ण जानकारी जानते है, आज की दिनचर्या में, प्रत्येक व्यक्ति वास्तुशास्त्र को महत्वपूर्ण मानता है। सभी लोग अपने घर या कार्यस्थल की नींव रखते हुए वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का पालन करते हैं। इससे हम यह समझ सकते हैं कि वास्तुशास्त्र कितना महत्वपूर्ण है। यह हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है और इसका ठीक से पालन करना हमारे जीवन को सुखमय बना सकता है।
कई बार, अशुभ वास्तुशास्त्र के कारण पुत्र की उत्पति में भी कठिनाएं उत्पन्न हो सकती हैं। हमें ऐसा अनुभव होता है कि हमारे शरीर में किसी कमी के कारण पुत्र की उत्पति नहीं हो रही है। हालांकि, हर बार ऐसा नहीं होता है। कई बार, पुत्र की उत्पति में कठिनाएं आने का कारण अशुभ वास्तुशास्त्र भी हो सकता है।
मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको वास्तुशास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय और घरेलू उपायों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इस महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिए, कृपया हमारे लेख को शेष तक पढ़ें। हम आपको इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए उत्सुक हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
वास्तुशास्त्र के अनुसार, हमने पुत्र प्राप्ति के कुछ उपाय नीचे दिए हैं।
ईशान कोण का उपाय पुत्र प्राप्ति के लिए
यदि आपके घर के ईशान क्षेत्र में कोई भी वास्तुदोष हो, तो इसके कारण पुत्र प्राप्ति में कठिनाएं उत्पन्न हो सकती हैं। हमारे घर के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को ईशान क्षेत्र कहा जाता है, और अगर ईशान क्षेत्र को ऊँचा बनाया गया है या फिर ईशान क्षेत्र पर भारी निर्माण किया गया है, तो इससे संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इसके अलावा, यदि ईशान क्षेत्र में सीढ़ियों का निर्माण किया गया है या फिर ईशान क्षेत्र में बाथरूम इत्यादि का निर्माण हुआ है, तो इसे वास्तुशास्त्र के तात्पर्यिक दोष के रूप में देखा जाता है। इसलिए, पहले-पहले आपको ईशान क्षेत्र के इस प्रकार के दोषों को दूर करना आवश्यक होगा।
यदि आप ईशान क्षेत्र में ऐसे वास्तुदोष को दूर करते हैं, तो आपकी बाधाएं कम हो सकती हैं, और आपको पुत्र प्राप्ति की संभावना हो सकती है।
मुख्य द्वार का उपाय पुत्र प्राप्ति के लिए
यदि आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में पुष्पदंत पद संख्या 20 पर है और उत्तर दिशा में पद संख्या 27 पर है, तो पुत्र की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा, यदि मुख्य द्वार कुबेर पद संख्या 29 में खुल रहा है, तो भी पुत्र प्राप्ति की प्रबल संभावना हो सकती है। अगर मुख्य द्वार पूर्व दिशा में पद संख्या 2 में खुलता है, तो पुत्री का जन्म हो सकता है।
घरेलू उपाय पुत्र प्राप्ति के लिए
हमने नीचे पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय बताए हैं।
- सबसे पहले, आपको एक बिना दाग वाला नींबू लेना है और उसका रस एक कप में निचोड़कर लेना है।
- अब इस रस को लड्डू गोपाल की मूर्ति के सामने कुछ समय तक रखना है।
- रात को सोने से पहले माना जाता है कि यदि महिला इस रस को पीकर पति के साथ संबंध बनाती है, तो यह पुत्र की प्राप्ति में सहायक हो सकता है। रस पीने से पहले थोड़ी देर तक बैठकर पुत्र प्राप्ति के लिए प्रार्थना करना उत्तम होता है।
- इस प्रयोग को आपको किसी भी दिन सिर्फ एक बार करना होगा।
- यह प्रयोग करने से पहले यह ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिस दिन यह प्रयोग किया जाए और महिला के साथ संबंध बनाए जाएं, उस दिन महिला का ओवुलेशन पीरियड चल रहा होना चाहिए।
- यदि आप पीरियड्स के आने से दो से तीन दिन पहले संबंध बनाते हैं, तो गर्भावस्था नहीं होती है, और इससे आपको कोई लाभ नहीं होता। इसलिए, इस प्रयोग से पहले महिला के ओवुलेशन पीरियड को लेकर ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
तो दोस्तों, ये थे दो पुत्र प्राप्ति के उपाय। पहला है वास्तुशास्त्र में बताए गए पुत्र प्राप्ति के उपाय और दूसरा है पुत्र प्राप्ति का घरेलू उपाय। आप इनमें से किसी भी उपाय का अपनी इच्छा के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।
निष्कर्ष
मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से वास्तुशास्त्र के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय और घरेलू उपायों को साझा किया है। हम आशा करते हैं कि यह आज का लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ है, तो कृपया इसे आगे साझा करें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी अन्य लोगों तक पहुंच सके।
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