पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास बन रहे 18 सौ बीघे क्षेत्र के औद्योगिक गलियारे के लिए ज़मीन का बैनामा बहुत धीमा है। पिछले 12 दिनों में केवल 16 बीघे क्षेत्र का बैनामा हुआ है, लेकिन इसमें कुल मिलाकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का स्टांप लगा है। इसी गति के साथ आगे बढ़ते हुए पूरी ज़मीन के बैनामे को पूरा करने में कई महीने लग सकते हैं।
सरकार ने हैदरिया से लखनऊ जाने वाले 340 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले औद्योगिक गलियारे की घोषणा की थी। इसके लिए जिला प्रशासन ने पहले चरण में हैदरिया के पास एक्सप्रेसवे के अंतिम छोर पर 18 सौ बीघा ज़मीन अधिग्रहित की है।
यूपीडा (औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के नाम पर चार जनवरी से बैनामा का प्रक्रियागत शुरू हो गया है। यह बैनामा मुहम्मदाबाद तहसील में प्रचलित है, और इसे तहसीलदार व नायब तहसीलदार के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है। चार जनवरी से बैनामा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस दौरान 16 बैनामे पूर्ण किए गए हैं। इस बैनामे में ई स्टांप का भी उपयोग किया जा रहा है।
लोकनिर्माण और जलनिगम विभाग द्वारा संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा
स्टांप के पैसे बैंक में जमा करने और अन्य प्रक्रियाएं में देर हो रही हैं। स्टांप की निकासी के दौरान तहसील प्रशासन को नकद राशि जमा करनी पड़ रही है, जिसके कारण बैनामा की प्रक्रिया में कमी आ रही है। अब तक, इन बैनामों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का स्टांप लगा है।
औद्योगिक गलियारों में प्रवेश करने वाली संपत्तियों का मूल्यांकन ट्यूबवेल, भवन और अन्य सुविधाओं के लिए लोकनिर्माण और जलनिगम विभाग के माध्यम से किया जाएगा। इस कार्य के लिए वरिष्ठ राजस्व अधिकारी (सीआरओ) आशीष कुमार मिश्रा ने दोनों विभागों को निर्देशित किया है कि टीम संपत्तियों का मूल्यांकन करेगी।
गलियारों में कई किसानों की संपत्तियाँ आ रही हैं, जिनका मुआवजा अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। जिला प्रशासन ने जमीन के रेट को पहले ही तय कर लिया है।