इस दिन महादेव और पार्वती माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और साथ ही प्रदोष व्रत भी मनाया जाता है। इस धार्मिक आदर्श के अनुसार, महादेव की पूजा से साधक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है, और शारीरिक और मानसिक कष्ट भी दूर होते हैं। इसलिए, प्रदोष व्रत में साधक श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करता है।
Bhaum Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रत्येक महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 23 जनवरी को आएगी। इस दिन, देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और साथ ही प्रदोष व्रत भी अनुसरण किया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, महादेव की पूजा से साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और शारीरिक और मानसिक कष्ट भी दूर होते हैं। इसलिए, प्रदोष व्रत में साधक भक्ति और श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करता है। ज्योतिषियों के अनुसार, पौष प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष योग बन रहा है। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होती है। चलिए, शुभ मुहूर्त और व्रत की विधि को जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 23 जनवरी को 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, उदय तिथि के कारण भौम प्रदोष व्रत 23 जनवरी को मनाया जाएगा।
शुभ योग
पौष प्रदोष व्रत के दिन, रवि योग बना हुआ है। इस योग का समय 23 जनवरी को सुबह 07 बजकर 13 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 24 जनवरी को सुबह 06 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही, 23 जनवरी को सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक इंद्र योग भी बना हुआ है। इसके अलावा, कौलव, तैतिल और गर करण भी इस दिन मौजूद हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय - सुबह 07:13 बजे
- सूर्यास्त - शाम 05:52 बजे
- चन्द्रोदय - दोपहर 03:33 बजे
- चंद्रास्त - सुबह 06:20 बजे
पंचांग
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:27 बजे से 06:20 बजे तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02:19 बजे से 03:02 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:50 बजे से 06:17 बजे तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 बजे से 12:59 बजे तक
अशुभ समय
- राहुकाल - दोपहर 03:13 बजे से शाम 04:32 बजे तक
- गुलिक काल - दोपहर 12:33 बजे से 01:53 बजे तक
- दिशा शूल - उत्तर