रेलवे टिकट आरक्षण केंद्र गाजीपुर सिटी से टिकट दलाली करते हुए, आरपीएफ ने रेलवे उद्घोषक (अनाउन्समेंट) क्लर्क (प्राइवेट कर्मचारी) को गाजीपुर सिटी स्टेशन से पकड़ा है। उसके पास से आरपीएफ ने कुछ तत्काल टिकट भी जब्त किए हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार राय के अनुसार, इस बारे में लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं। आरपीएफ ने मुखबारों से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है।
आरपीएफ ने इस मामले में तत्काल टिकट खिड़की से रविंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। यह व्यक्ति निगहिबेग थाना कोतवाली जिला गाजीपुर का निवासी है। आरपीएफ ने आरोपी से एसी क्लास का एक तत्काल टिकट जब्त किया है, जिसे दो व्यक्तियों की यात्रा के लिए लिया गया था। इस टिकट की कीमत 4,270 रुपये थी, और रविंद्र को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में आरोपी का साथी सैयद फैज भी है, जिसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। ये दोनों गाजीपुर सिटी स्टेशन पर रेलवे की आने जाने वाली ट्रेनों की जानकारी अनाउन्समेंट करने वाले प्राइवेट कर्मचारी हैं।
दोनों तत्काल टिकट के लिए एक दिन पहले ही पहला नंबर लगा लेते थे। रात की शिफ्ट में, अपने ड्यूटी के दौरान लगाए गए नंबर की रखवाली करते थे। आरपीएफ स्टाफ के टोके लगने पर, कभी अपने रिश्तेदारों को टिकट बनवाने का बहाना बनाते थे, और कभी किसी रेल कर्मचारी को। इन्होंने विशेष रूप से मुंबई और चेन्नई के किसी भी परेशान यात्री को लक्ष्य बनाया। इसके लिए, वे प्रति यात्री से 500 से 1000 रुपया तक का सौदा करते थे। सुबह की शिफ्ट में, वे पहले नंबर का टोकन लेकर कंफर्म टिकट निकाल लेते थे।
रविंद्र के मोबाइल फोन से बरामद हुए संख्याओं में कई टिकट निकलवाने और टिकट का सौदा करने से जुड़े व्हाट्सऐप चैट मिले हैं। व्हाट्सएप में, सैकड़ों यात्रीयों के आधार कार्ड, आरक्षण मांग पत्र, और अन्य विवरणों को आरपीएफ को प्राप्त हुआ है। रविंद्र को शनिवार को वाराणसी रेलवे कोर्ट में पेश किया जाएगा। कुछ दिन पहले ही, छपरा में दो प्राइवेट क्लर्क को एक सरकारी टिकट बनाने वाले कर्मचारी के साथ मिलीभगत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।