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जानिए भगवत गीता घर में रखना चाहिए या नहीं और घर में रखने से क्या होता है

क्या आप जानना चाहिए है की भगवत गीता घर में रखना चाहिए या नहीं और साथ में ये भी जाने की घर में गीता रखने से क्या होता है, तो चलिए विस्तार से जानते है।

प्रत्येक धर्म में किसी न किसी धार्मिक ग्रंथ का महत्व होता है, ठीक उसी रूप में, हिंदू सनातन धर्म में भगवत गीता को धार्मिक ग्रंथ के रूप में माना जाता है। इस ग्रंथ को हिंदू धर्म में सबसे अधिक महत्व दिया गया है, और भगवत गीता का नियमित पाठ और उसमें दी गई उपदेशों का अनुसरण करने से मनुष्य का जीवन सुधरता है।

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मानव जीवन में अनेक चुनौतियाँ होती रहती हैं। वे व्यक्तियाँ जो नियमित रूप से भगवद गीता का पाठ करती हैं, वे अपनी अडचनों को सरलता से पार करके आगे बढ़ सकती हैं। इस आलेख में, हम भगवद गीता के बारे में इसी प्रकार की कुछ बातें साझा करेंगे, इसलिए कृपया हमारे आलेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि क्या घर में भगवद गीता रखना चाहिए या नहीं, और घर में गीता रखने से कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं। इसके अलावा, हम इस विषय से संबंधित और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसलिए, हम आपको इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

जानिए भगवत गीता घर में रखना चाहिए या नहीं

भगवत गीता, हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ, घर में स्थान बनाने योग्य माना जाता है। आप इसे घर के मंदिर में या फिर मंदिर के आसपास स्वच्छ और सुशील स्थान पर रख सकते हैं।

भगवद गीता, एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है जो मन, विचार, और आत्मा के उन्नति की बातें सिखाती है। इसलिए, घर में भगवद गीता को रखना एक बहुत उपयुक्त विचार है।

गीता जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अमूल्य ज्ञान देती है, जो समस्याओं का सामाधान करने में मदद कर सकता है। इससे नैतिक मूल्यों का समर्पण बढ़ता है और व्यक्ति अध्यात्मिक रूप से समृद्धि का अनुभव कर सकता है।

घर में भगवद गीता को रखकर परिवार के सदस्यों को भी इसमें रुचि बढ़ती है और वे अपने जीवन में उद्दीपन प्राप्त करते हैं। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने कर्तव्यों का सही रूप से पालन करता है और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करता है।

सम्गीता के इस अनमोल ज्ञान को अपने घर में स्थायी रूप से रखकर व्यक्ति अपने जीवन को एक नए दिशा में मोड़ सकता है, जिससे उसका जीवन सफलता और संतुलन से भरा हो सकता है।

यह हम जानेगे घर में गीता रखने से क्या होता है

गीता को घर में रखने से अद्यतित तत्वों का असर नहीं होता है। लेकिन, रोज़ाना गीता का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं और उसकी शृंगारता में सुधार हो सकता है। गीता में व्यक्त की गई बातों का अनुसरण करने से जीवन में सुधार होता है।

जो व्यक्ति दैहिक और मानसिक स्वास्थ्य के लाभ के लिए रोजाना गीता का पाठ करता है, उसे जीवन में संतुष्टि मिलती है। इसलिए, घर में गीता रखने से अथवा घर में रखी हुई गीता का पाठ करने से कुछ नहीं होगा, लेकिन इससे व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं।

गीता व्यक्ति को सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करती है और उसे अपने कर्तव्यों का सही रूप से पालन करने के लिए प्रेरित करती है। यह व्यक्ति को जीवन में संतुलन और शांति की अनुभूति करने में मदद करती है और उसे अपने आत्मविकास की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

गीता के पाठन से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, परिवार के सदस्यों के बीच समझदारी और समर्थन का माहौल बनता है और उन्हें जीवन के उच्चतम मूल्यों की प्राप्ति में मदद मिलती है।

भगवत गीता का पाठ कैसे करे?

भगवत गीता का पाठ करते समय, निम्नलिखित विधियों का अनुसरण करें:

  • हालांकि आप भगवद गीता का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन पूजा पाठ के लिए सुबह को सर्वोत्तम माना जाता है। उसी तरह, भगवद गीता का पाठ भी सुबह के समय करना अत्यधिक प्रशंसनीय माना जाता है।
  • इस पवित्र ग्रंथ के कारण, इसे खराब हाथों से छूना नहीं चाहिए। सुबह स्नान आदि के बाद ही भगवद गीता का पाठ करना उचित है।
  • भगवद गीता का पाठ करने से पहले चाय, दूध, कॉफी, नाश्ता आदि का सेवन न करना उत्तम होगा। पाठ के बाद ही अन्य दैनिक क्रियाएँ शुरू करना उचित है।
  • पाठ की शुरुआत से पहले भगवान गणेश और श्रीकृष्ण के नाम का जाप करना उचित है।
  • इसके बाद, आप पाठ की शुरुआत कर सकते हैं। पाठ के दौरान किसी से बीच-बीच में बात न करना चाहिए।
  • पाठ को हमेशा किसी भी आसन पर बैठकर करना चाहिए।
  • गीता का पाठ करने पर, आपको स्वयं गीता का अच्छे से रख-रखाव करना चाहिए।
  • जिस अध्याय में आपने गीता का पठन शुरू किया है, उसे पूरा करने के बाद ही उठना चाहिए।
  • गीता का पाठ शुरू करने से पहले और पूरा करने के बाद, अपने माथे पर हाथ रखकर प्रणाम अवश्य करें।
  • भगवत गीता का पाठ पूर्ण होने के बाद, भगवत गीता की आरती करना अत्यंत आवश्यक है।
  • इस नियम को नियमित रूप से पालन करना चाहिए।

कौन-कौन सा गीता का अध्याय पढ़ना चाहिए?

आप गीता के किसी भी अध्याय को पढ़ सकते हैं, पर एक महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जिस अध्याय की शुरुआत करते हैं, उसे पूरा करके ही आगे बढ़ें।

गीता में 18 अध्याय हैं, प्रत्येक एक अध्याय अनूठा और महत्वपूर्ण ज्ञान से भरा हुआ है। यहां कोई निश्चित अध्याय पढ़ने का निर्देश नहीं है, क्योंकि व्यक्ति की आत्मा और चरित्र की आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग अध्यायों की सुझावित वाचनीयता हो सकती है। हर अध्याय में विशेष उपदेश है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान करता है। व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक आवश्यकताओं के आधार पर उचित अध्याय का चयन कर सकता है।

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निष्कर्ष                                  

दोस्तों, इस आलेख के माध्यम से हमने आपको बताया है कि क्या घर में भगवद गीता रखना चाहिए और इससे क्या हो सकता है। इसके अलावा, हमने इस विषय से संबंधित और भी जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आज का यह आलेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। अगर ऐसा है, तो कृपया इसे अगे शेयर करें।

दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा भगवद गीता घर में रखना चाहिए या नहीं, और घर में गीता रखने से क्या होता है यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। धन्यवाद!

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