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जानिए भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए और किस देवता की पूजा करे

क्या आप जानना चाहते है कि भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए और घर में किस देवता की पूजा करनी चाहिए आइये शुरू करते है, हिंदू सनातन धर्म में, भगवान की पूजा के लिए उनकी मूर्ति का स्थापना करना सामान्य है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि मूर्ति किस धातु से बनी है, इस पर बहुत शोध करें। कुछ लोग ज्योतिष/Astrology और वास्तु शास्त्र/Vastu Shastra के आधार पर अपने घर में मूर्ति स्थापित करते हैं।

अगर आप भी नहीं जानते कि भगवान की मूर्ति किस धातु से बननी चाहिए, तो हमारा यह लेख अंत तक ज़रूर पढ़ें। क्योंकि हम इस लेख में इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

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दोस्तों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको यह बताएंगे कि भगवान की मूर्ति किस धातु से बनी होनी चाहिए और घर में कौन-कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, हम इस विषय से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसलिए, हम आपको इस विषय पर पूरी जानकारी प्रदान करते हैं।

जाने भगवान की मूर्ति किस धातु की होनी चाहिए

भगवान की मूर्ति को चुनते समय धातु का विचार महत्वपूर्ण है। विभिन्न धातुओं से बनी मूर्तियां जैसे कि पीतल, तांबा, कांसा, चांदी, और सोना, सभी धर्मों में प्रचलित हैं। प्रत्येक धातु का अपना महत्व होता है और उसे अपनी भक्ति भावना और आस्था के साथ चयन करना उचित है। 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि मूर्ति का आकार विशिष्ट होना चाहिए और उसे सावधानीपूर्वक स्थापित करना चाहिए। समर्पण और नियमित पूजा के साथ, यह मूर्ति आपके आत्मिक और धार्मिक सांबंधिकता को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है।

घर में कौन से देवता की Puja करनी चाहिए

घर में देवता की Puja करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है जो सुख और शांति को बढ़ावा देती है। अनेक विधाओं में विभिन्न देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन कुछ मुख्य देवताएं जो घर में पूजनीय होती हैं, उनमें भगवान गणेश, भगवान सूर्य, भगवान शिव, भगवान विष्णु, और माता पार्वती शामिल हैं।

इन देवताओं की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आत्मिक शांति मिलती है। व्यक्ति अपनी आस्था और विशेष प्राथनाओं के अनुसार देवता का चयन कर सकता है, जो उनके जीवन के मुख्य उद्देश्यों और संदेशों के साथ मेल खाता है।

घर में टूटी हुई मूर्ति रखने से क्या होता है

घर में टूटी मूर्ति रखना धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि मूर्तियां आध्यात्मिक और आस्थाएँ प्रतिष्ठित करने के लिए होती हैं। एक टूटी हुई मूर्ति समर्थन और समर्पण की भावना को प्रतिष्ठित करने में सहायक नहीं हो सकती है और इसे अशुभ माना जा सकता है।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, मूर्तियां दिव्यता और पवित्रता का प्रतीक होती हैं, और इन्हें सावधानीपूर्वक और आदरपूर्वक संबोधित करना चाहिए। टूटी मूर्ति को सुधारकर या नई मूर्ति अथवा प्रतिष्ठान के स्थान पर रखना उचित होता है, ताकि पूजा-अर्चना में अघुलन न हो।

घर में टूटी हुई मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है। यदि आप अपने घर में टूटी मूर्ति रखते हैं, तो निम्नलिखित हानियां हो सकती हैं:

  • आपके घर से सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलकर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
  • भगवान की टूटी हुई मूर्ति घर में रखने से भगवान हमसे नाराज हो जाते हैं।
  • टूटी हुई मूर्ति को घर में रखना वास्तुशास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है।
  • टूटी हुई मूर्ति को घर में रखने से, घर के सदस्य की मानसिक स्थिति अशांत और अस्थिर होने लगती है।
  • टूटी हुई मूर्ति को घर में रखने से, हमारी एकाग्रता शक्ति नष्ट हो जाती है।
  • घर में टूटी हुई मूर्ति रखने से, घरवालों के दिमाग में नेगेटिव और अशुद्ध विचार आने लगते हैं, जो हमारी सफलता में बाधा बन सकते हैं।
  • टूटी हुई मूर्ति को घर में रखने से, हमें बार-बार मूर्ति की दिशा में देखना पड़ता है, जो अच्छा नहीं है। इससे हमारा मन दुखी हो जाता है और हम नेगेटिविटी की ओर बढ़ने लगते हैं।
  • टूटी हुई मूर्ति को घर में रखना सबसे बड़ा वास्तु दोष होता है।
  • घर में टूटी मूर्ति रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिसके कारण घर के सदस्य का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और उनकी सफलता में बाधा आ सकती है।

मूर्ति का खंडन विसर्जन कैसे करें

यदि किसी मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा दी गई है, तो ऐसी मूर्ति को संभावना होने पर किसी गुरु के आश्रम में दान करना उचित है, ताकि वह मूर्ति को किसी उपयोग में लिया जा सके। यदि ऐसी जगहें दान को नहीं स्वीकार करती हैं, तो किसी अन्य स्थान पर इसे सुरक्षित रखना चाहिए।

तो बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना उचित है। कुछ लोग खंडित मूर्ति को किसी भी पेड़ के नीचे या लावारिस जगह पर छोड़ देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। आप खंडित मूर्ति को पानी में सामान्य तरीके से विसर्जित कर सकते हैं।

यदि आपकी मूर्ति किसी फ्रेम के साथ लगी हुई थी, तो आपको फ्रेम को अलग करके मूर्ति को बहते हुए पानी में विसर्जित करना उचित है। खंडित मूर्ति को श्रद्धा पूर्वक विसर्जित करना चाहिए।

निष्कर्ष

मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया है कि भगवान की मूर्ति किस धातु से बनी होनी चाहिए और घर में किस देवता की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, हमने इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी भी प्रदान की है।

हम आशा करते हैं कि आज का हमारा लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। यदि आपको यह उपयोगी लगा है, तो कृपया इसे आगे साझा करें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी अन्य लोगों तक पहुंच सके।

मित्रों, हम आशा करते हैं कि आपको हमारा भगवान की मूर्ति किस धातु से बनी होनी चाहिए और घर में किस देवता की पूजा करनी चाहिए विषयक blog पसंद आया होगा। धन्यवाद!

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