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जाने एकादशी व्रत किसको करना चाहिए और Ekadashi Vrat क्यों किया जाता है

Ekadashi Vrat: दोस्तों, क्या आप को पता है या आप जानना चाहते है कि एकादशी व्रत किसको करना चाहिए, एकादशी व्रत क्यों किया जाता है, एकादशी व्रत के फायदे और एकादशी व्रत के नियम क्या होते हैं, चलिए विस्तार से जानते है, हिंदू धर्म में एकादशी व्रत प्राचीन समय से लोगों द्वारा माना जाता है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के कृपा आशीर्वाद से युक्त होता है। इसके कारण सभी व्रतों में एकादशी का विशेष महत्व है।

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कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस से अन्य भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। एकादशी हर माह में दो बार आती है, और आप भी नियमों और विधियों का पालन करते हुए इस व्रत को कर सकते हैं।

मित्रों, आज हम इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि एकादशी व्रत किसे और क्यों करना चाहिए। इसके अलावा, इस विषय से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। इसलिए, आप सभी से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें ताकि आप इस महत्वपूर्ण ज्ञान का अच्छी तरह से लाभ उठा सकें। तो चलिए, हम आपको इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान करते हैं।

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एकादशी व्रत किसको करना चाहिए

एकादशी व्रत हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरागत व्रत है जो मानव जीवन में आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ प्रदान करने का आदान-प्रदान करता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और पुनः जन्मों के चक्र से मुक्ति होती है। 

एकादशी व्रत का पालन करने से मानव जीवन में शांति, संतुलन, और आध्यात्मिक सद्गुण समृद्धि होती है। इसे महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े-जवान सभी वयस्क व्यक्तियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है, जो एक सात्विक और धार्मिक जीवनशैली का अंग है।

एकादशी का व्रत क्यों किया जाता है

एकादशी व्रत हिन्दू धर्म में एक प्रमुख आध्यात्मिक व्रत है जो भगवान विष्णु की पूजा और देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को एक हिन्दू मास की ग्यारही तिथि, यानी एकादशी को किया जाता है, जो चंद्रमा के कृष्ण पक्ष में होती है। 

इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य मानव जीवन में आध्यात्मिक प्रगति को प्रोत्साहित करना है और शारीरिक-मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति दिव्य ऊर्जा को अनुभव करता है, और इससे उसके मानविकी, आत्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह व्रत धार्मिक उत्साह, सामर्थ्य, और सांस्कृतिक संबंध को बढ़ावा देने का भी साधन है।

यहाँ जानें Ekadashi Vrat के फायदे

नीचे हमने कुछ एकादशी व्रत करने के फायदे बताए हैं।

  • एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है।
  • इस व्रत का पालन करने से भूत-पिशाच आदि से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • इस व्रत का पालन करने से मनुष्य की कई समस्याएं दूर होती हैं और उसे संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • इस व्रत का पालन करने से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन की प्राप्ति होती है, जिससे हमें आर्थिक संघर्ष से मुक्ति मिलती है।
  • इस व्रत का पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
  • इस व्रत का पालन करने से परिवार में शांति बनी रहती है।
  • एकादशी व्रत करने से बीमारी से मुक्ति होती है।
  • एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • यदि किसी को पुत्र प्राप्ति में बाधा आ रही है, तो एकादशी के व्रत से पुत्र की प्राप्ति हो सकती है।
  • एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
  • एकादशी का व्रत करने से हमें हमारे शत्रु से मुक्ति मिलती है।
  • एकादशी का व्रत करने से हमने जीवन में जो भी खोया है, वह वापस मिलता है।
  • एकादशी का व्रत करने से हमे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

एकादशी व्रत/Ekadashi Vrat कब से शुरू करना चाहिए?

एकादशी व्रत को हिन्दू पंचांग के अनुसार किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। यह व्रत चैत्र और कार्तिक मास की एकादशी को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सामान्यत: एकादशी को बारह घंटे तक कार्यक्रम और पूजा के साथ मनाया जाता है, जो रात्रि और प्रात: के समय में होती है। 

यह व्रत विशेषकर विष्णु भगवान की पूजा के साथ भगवान के नाम का जाप करके किया जाता है जिससे आत्मिक और आर्थिक शुभकामनाएं प्राप्त होती हैं।

Ekadashi Vrat में क्या खाना चाहिए?

एकादशी के व्रत में विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करना होता है जो शाकाहारी और सात्विक होते हैं। इस व्रत के दौरान अन्न, दाल, गेहूं, राजमा, प्याज, लहसुन, तेल, गाय का दूध, आलू, बैंगन, बैंगनी सब्जियाँ, नमक, तेल, अद्भुत और विष्टारित प्रकार की मिठाईयों का सेवन नहीं किया जाता है। 

उच्च चरण में व्रत का समापन करते समय, फल, सूजी, किशमिश, दही, मिश्रित दाना, गुड़, नींबू पानी, तुलसी का पत्ता और दूध पीना उचित होता है। यह आत्मा को पवित्र करने और मानवता में सेवा करने का एक उच्च दृष्टिकोण प्रदान करता है।

चलिए जानते हैं एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए

  • इस दिन जुआ और इससे संबंधित खेलना नहीं चाहिए।
  • इस दिन मांस का सेवन नहीं करना उचित है।
  • इस दूसरी बार भोजन करना नहीं चाहिए।
  • इस दिन गुस्से को त्याग देना उचित है।
  • एकादशी के दिन किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए।
  • इस दिन शहद का सेवन नहीं करना उचित है।
  • इस दिन दूसरों के द्वारा दिया गया अन्न नहीं खाना चाहिए।
  • इस दिन चने का शाक, मसूर की दाल, कोंदो का शाक, नमक, तेल, चावल आदि का सेवन नहीं करना उचित है।

एकादशी व्रत के नियम क्या होते हैं

यदि आप एकादशी व्रत कर रहे हैं, तो व्रत का आरंभ करने से पहले आपको कुछ नियमों की जानकारी होनी चाहिए। Ekadashi व्रत में कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए हमने एकादशी व्रत में पालन करने वाले कुछ नियमों के बारे में नीचे जानकारी प्रदान की है।

  • एकादशी व्रत के दौरान मांस, तामसिक आहार, प्याज, लहसुन, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत में आपको भोग विलास से परहेज रखना चाहिए, अर्थात् आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत में आपको किसी भी पेड़ के पौधे को तोड़ने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपको पाप लगता है और आप पाप के भागीदार बन सकते हैं।
  • एकादशी व्रत करते समय, स्नान आदि करने के बाद आपको गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • एकादशी व्रत के दौरान, घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, और इसके अलावा नाख़ून और बाल कटवाने से भी बचना चाहिए।
  • एकादशी व्रत करते समय, आपको मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाना चाहिए और इसके अलावा आवश्यकता पाने वाले लोगों को दान आदि करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दौरान, आपको आम, अमरुद, अंगूर, पिस्ता, बादाम, आदि प्रकार के अमृत फलों का सेवन करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के समय, आपको सदैव मिठी भाषा का उपयोग करना चाहिए। इन दिनों, अभद्र भाषा का अनुप्रयोग करना उचित नहीं है।
  • इन दिनों, आपको क्रोध करने से भी बचना चाहिए।
  • एकादशी व्रत में, आपको प्रभु को भोजन का भोग चढ़ाने के बाद ही अपने लिए भोजन करना चाहिए।
  • इन दिनों, आपको तुलसी माता को भी पानी अर्पित करना उचित है।

निष्कर्ष

मित्रों, आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया है कि एकादशी व्रत किसे और क्यों करना चाहिए। इसके अलावा, इस विषय से संबंधित और भी जानकारी प्रदान की गई है।

हम आशा करते हैं कि आज का हमारा लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हुआ होगा। यदि ऐसा है, तो कृपया इसे आगे साझा करें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुंच सके।

मित्रों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा 'एकादशी व्रत किसे करना चाहिए और एकादशी व्रत क्यों किया जाता है' लेख पसंद आया होगा। धन्यवाद!

FAQs

एकादशी व्रत में चाय पी सकते है क्या?

"हाँ, आप एकादशी व्रत में चाय पी सकते हैं। इसमें चाय पीने का कोई विरोध नहीं है।

एकादशी व्रत में दूध पी सकते है क्या?

हाँ, एकादशी व्रत में आप दूध भी पी सकते हैं।

क्या एकादशी व्रत में मूंगफली खा सकते हैं?

हाँ, आप एकादशी व्रत में मूंगफली खा सकते हैं।

क्या एकादशी व्रत में चावल खा सकते हैं या नहीं?

नहीं, अगर आप एकादशी व्रत आरंभ करते हैं, तो आपको इस दिन चावल खाना भूलना चाहिए। इसे माना जाता है कि एकादशी व्रत में चावल खाने से मनुष्य का अगला जन्म सरीसृप का होता है।

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