गाजीपुर में देवकली ब्लाक क्षेत्र के अधिकांश गांवों में, कस्बा और गांव की गलियों में पहले प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाइट अब उजाला नहीं पहुंचा रही है, बल्कि यह लोगों को सर्द रात के अंधेरें में चोरी के खतरे से जूझना बढ़ा रही है।
प्रदेश सरकार ने कस्बा और गांवों की गलियों में उजाले को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहले स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना को पंचायत के माध्यम से किया था। इसके लिए कस्बा और गांव के ग्राम प्रधानों को आवश्यक धन प्रदान किया गया था। कुछ असावधान लोगों ने गुणवत्ता विहीन स्ट्रीट लाइट्स लगवा दीं हैं, जिससे अब उजाले की अभाव से गांववालों की मनहूसी बढ़ गई है।
वर्तमान में, नन्दगंज कस्बा में भी स्ट्रीट लाइटें शोपीस में बदल गई हैं। इसी तरह, क्षेत्र के अधिकांश गांवों में भी स्ट्रीट लाइटें अधिकांशत: खराब हो गई हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद, गांव के ग्रामप्रधान या उनके कर्ताधर्ता इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे गांववालों के बीच नाराजगी बढ़ी है।
पिछले दो दशकों से दिखा जा रहा है कि प्रत्येक पंचायत चुनाव में चयन होने वाले ग्राम प्रधान, अपने कार्यकाल की शुरुआत में सरकारी धन से स्ट्रीट लाइट्स लगवाने के बाद अपनी मरम्मत और देखभाल करवाना भूल जाता है। लोगों द्वारा लाइटें खराब होने की सूचना देने पर भी प्रधान ध्यान नहीं देता है। इसके परिणामस्वरूप, उसके पांच साल के कार्यकाल में ही सभी लाइटें खराब होकर शोपीस में बदल जाती हैं।
जानकर दें कि प्रदेश सरकार की योजना है कि हर गांव और कस्बे की गलियों में भी शहर की तरह उजाला हो, ताकि गांव और कस्बे के लोगों को रात के समय में कोई असुविधा न हो। इस मंशा को सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ ग्रामप्रधान भी पूरा कर रहे हैं। गांववालों का कहना है कि सर्द रातों में रोशनी की आवश्यकता बढ़ जाती है क्योंकि अंधकार में चोरी जैसी घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। गांववाले शीघ्र ही स्ट्रीट लाइट्स को ठीक करने की मांग कर रहे हैं, जो कि शोपीस बनी हुई हैं, ताकि यह रातों में सही रूप से रोशनी दे सकें।