नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में गश्त के दौरान, नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट से गाजीपुर के शेरपुर खुर्द गांव निवासी बीएसएफ जवान अखिलेश राय शहीद हो गए। शुक्रवार को बीएसएफ के रायपुर मुख्यालय पर बटालियन के अधिकारियों एवं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने शहीद जवान को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। बाद में रायपुर से उनका शव हवाई जहाज से बीती देर शाम लखनऊ भेजा गया। इसके बाद रात के समय गाजीपुर पुलिस लाइन लाया गया।
आज सुबह, शहीद का पार्थिव शरीर पुलिस लाइन से उनके पैतृक गांव शेरपुर खुर्द के लिए पूरे राजकीय सम्मान के साथ रवाना किया गया। पुलिस लाइन से गांव तक के लिए निकले काफिले में पूर्व विधायक स्वर्गीय कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय साथ में चल रहे थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश राय जी की शहादत गाजीपुर ही नहीं पूरा देश सदैव याद रखेगा। उन्होंने अपनी तरफ से श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए बताया कि अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट पर किया जाएगा।
शहीद अखिलेश राय ने वर्ष 2002 में बीएसएफ के 47वीं बटालियन में भर्ती होकर सेवा की थी। वे वर्तमान में रायपुर में तैनात थे, जहां स्थानीय पुलिस के साथ गश्त के दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग के विस्फोट में शहीद हो गए। अखिलेश राय के पिता परमात्मा राय जिन्हें झब्ब्न राय भी कहा जाता है, उनका देहांत 6 साल पहले हो चुका है। उनके बड़े भाई अंजलेश राय भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर नई दिल्ली में तैनात हैं।
शहीद अखिलेश राय को उनकी पीछे बच्चों ने अकेले छोड़ दिया है। उनकी तीन बेटियाँ, श्रुति राय (16 वर्ष), जागृति (14 वर्ष), और कृति (12 वर्ष), साथ ही सबसे छोटा पुत्र अतुल कुमार राय (10 वर्ष), उनकी अब अकेले हैं। इस दुखद घटना के बाद, शहीद की मां शारदा देवी और पत्नी बिन्धा राय दोनों ही बहुत ही दु:खिन हैं। शनिवार को शहीद के अंतिम दर्शन के बाद, उनका दाह संस्कार शेरपुर गंगा घाट के श्मशान घाट पर किया जाएगा।
साथ ही, जिले के विभिन्न क्षेत्रों में, खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए 10 विभिन्न विक्रेताओं से पनीर के 10 नमूने लेने के लिए प्रयोगशाला रभेजा भेजी है। किसी भी प्रकार की मिलावट पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।