गाजीपुर में सैदपुर स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास हर दिन घंटों तक चलने वाले जाम ने लोगों की जीवनशैली को धीमी कर दिया है। इस जाम के कारण विद्यार्थियों, मरीजों, तहसील और न्यायालय जाने वाले वादकारियों, दुकानदारों सहित सभी सामान्य लोगों की जिंदगी में असुविधा हो रही है।
घंटों तक जाम में फंसने के कारण पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ रही है, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। लोगों ने वर्षों से इस रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज की मांग की है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कदम नहीं उठा रहा है। ध्यान देने योग्य है कि सैदपुर नगर में स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक मार्ग पर हर दिन जाम बना हुआ है। क्रॉसिंग के दोनों ओर बेतरतीब वाहनों की लंबी कतारें खड़ी हैं, जिसके चलते तमाम यात्री, मरीज, और विद्यार्थी अपने गंतव्यों तक पहुंचने में घंटों की देरी झेल रहे हैं।
इस जाम से वाहन चालकों के ईंधन की बर्बादी हो रही है, जिससे उन्हें आर्थिक क्षति भी हो रही है। दुकान संचालक भी इस समस्या से परेशान हैं। इस जाम के लिए कई कारण हैं, जैसे कि लोगों की वर्षों से की जाने वाली मांग का अनदेखा करना, और इलेक्ट्रिक रेल लाइनों के स्थापना होने के बाद से ट्रेनों की शोरगुल में वृद्धि हो गई है।
परिस्थिति इस रूप में हो गई है कि एक बार ट्रेन गुजर जाने के बाद, रेलवे क्रॉसिंग का जाम अभी तक खुला ही नहीं हो पा रहा है, क्योंकि गेट फिर से बंद हो रहा है। वाराणसी गोरखपुर फोरलेन बाईपास पर स्थित सैदपुर सादात मार्ग पर संपर्क मार्ग का निर्माण नहीं होने और मार्ग के दोनों ओर 15 से 20 फुट चौड़ी पटरियों पर स्थित दुकानदारों के बोर्ड, ठेले और खोमचे वाले व्यापारों के लिए जाम एक महत्वपूर्ण कारण बन चुका है।
उसके साथ ही, रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित वाराणसी गाजीपुर बस स्टैंड, सादात बस स्टैंड, बहरियाबाद बस स्टैंड, और टेंपो स्टैंड भी जाम के लिए जिम्मेदार हैं। जाम से परेशान लोग लगातार प्रशासन से इस पर नियंत्रण की मांग कर रहे हैं। बीते मुख्य समाधान दिवस में स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी आर्यका अखौरी को प्रार्थना पत्र देकर, रेलवे क्रॉसिंग के आसपास पटरियों पर हो रहे अतिक्रमण को खाली कराने की मांग की थी। जिस पर जिलाधिकारी ने उन्हें जल्दी ही अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम चलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक इस दिशा में नगर पंचायत ने कोई कदम नहीं उठा सका है।