आस्था के महापर्व छठ पर्व के कुछ ही दिन बचे हैं। लेकिन क्षेत्र की नदियाँ, नहरें और बहुत सारे तालाब सूख गए हैं। इस कारण छठ पूजा के दौरान जल में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य देने की प्रथा में कठिनाई हो रही है।
महिलाएं इस स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि वे पानी में खड़ी होकर हर वर्ष भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उन्हें नमन करती थीं। लेकिन अब ज्यादातर जलकुंड सूख गए हैं या पूरी तरह कीचड़ से भरे हुए हैं, जिसमें धंसने का खतरा बढ़ गया है।
लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष शारदा सहायक खंड 36 की नहरों में धान की रोपाई के लिए प्रयाप्त पानी छोड़ा गया था। जिससे आसपास के तालाब भर गए थे और छठ पूजा आसान हो गई थी। परंतु इस वर्ष नहर में कुछ भी पानी नहीं आ सका, जिससे संकट बढ़ गया है। इस प्रकार की अनियंत्रित स्थिति से अनौनी, अमेंदा, ददरा, ऊचौरी, मौधा, सौना, नायकडीह आदि, अधिकांश गाँवों की व्रती महिलाओं में निराशा फैली है।