देवरिया जनपद के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र मल्हनी भाटपार रानी से प्राथमिक से लेकर इंटरमीडिएट (कृषि) शिक्षा प्राप्त करने के बाद, बाबा राघवदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवरिया से स्नातकोत्तर (कृषि) उपाधि हासिल की। इसके बाद, प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने मई 1985 से कृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में प्रारंभिक सेवा दी।
1992 से 5 मार्च 1998 तक, वी.के.कैमुर ने बिहार में प्रिन्सिपल के पद पर कार्य किया। इसके बाद, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में सेवा में योगदान किया और विभिन्न पदों पर कार्य किया। नवंबर 2021 में, उन्होंने प्रोफेसर/वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हो गए।
उनकी 36 बर्षों से अधिक की कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा, अनुभव, प्रकाशन आदि को देखकर। नई दिल्ली की वर्ल्ड पीस ऑफ यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी ने कृषि विज्ञान में डॉक्टरेट (डी.एससी.) की उपाधि प्रदान की है, विशेषज्ञता क्षेत्र में पौध स्वास्थ्य (हानिकारक कीट) प्रबंधन के लिए। इस सम्मान का आयोजन दिल्ली के अशोक होटल में किया गया है।
यह उपाधि पीएच.डी. के पूरा होने के बाद दी जाती है। सेवा निवृत्ति के बाद, प्रोफेसर मौर्य ने फरवरी 2022 में अपने पैत्रिक गाँव मल्हनी (भाटपार रानी, देवरिया) में एक प्रोफेसर रवि सुमन कृषि एवं ग्रामीण विकास (प्रसार्ड) ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसके निदेशक एवं अध्यक्ष वे हैं। इस के माध्यम से, वे कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नई तकनीकों को किसानों और गाँववालों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 64 वर्ष की आयु में भी, वे ग्रामीणों के बीच सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।