छठ पूजा के दिन, दिवाली के त्योहार को मनाने घर पहुंचे यात्रीगण से रविवार को ट्रेनें भरी हुई थीं। महानगरों से आने वाली ट्रेनें उत्साह से भरकर कैंट, बनारस, और वाराणसी सिटी स्टेशनों पर पहुंचीं।
मुख्य रूप से मुंबई, दिल्ली, सूरत, और अहमदाबाद से आने वाली ट्रेनों में, एसी कोचों में सफर करने वाले यात्रीगण को सामान्य डिब्बों की तरह ही सफर करना पड़ रहा था। भीड़ की बढ़ती हुई और कंफर्म टिकट ना मिलने के कारण, यात्रीगण को एसी और स्लीपर कोचों के गलियारों से लेकर दरवाजों और टॉयलेट तक खड़े होकर सफर करना पड़ रहा था।
उसी समय, कैंट बस अड्डे पर यात्रीगण की संख्या रोज की तुलना में लगभग 30 फीसदी तक बढ़ गई। संख्या में वृद्धि होने पर, गाजीपुर, बलिया, मऊ आदि रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाई गईं। दिल्ली से आने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस, लिच्छवी एक्सप्रेस, सद्भावना एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस आदि ट्रेनों के कोचों में क्षमता से दोगुने तक यात्री समेत हुए।
मुम्बई से आने वाली महानगरी एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस, एलटीटी-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस, एलटीटी-गोरखपुर एक्सप्रेस, कामायनी एक्सप्रेस, और अन्य ट्रेनों में सफर करना भी बहुत कठिन हो गया। सूरत से आने वाली ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस, अहमदाबाद से आने वाली साबरमती एक्सप्रेस, और सिकंदराबाद से आने वाली सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस से भी अधिक संख्या में यात्री समाहित हो रहे थे। कैंट बस अड्डे पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि प्रत्येक बस प्लेटफार्म पर पहुंचने वाले यात्री के लिए अच्छूती राह पर सफर करना हो रहा था।
वाराणसी से बिहार की ओर जा रही ट्रेनों में भी इतनी भीड़ थी कि स्थानीय यात्रीगण को कोचों में बैठने में कठिनाई आई। उन्हें बसों का सहारा लेना पड़ा। कैंट और बनारस स्टेशन पर दिनभर में इतनी बार इतनी अधिक संख्या में बढ़ गई कि रेलवे का भीड़ प्रबंधन दावा को असफल हो गया।
छठ पूजा के दिनों में चलने वाली ट्रेनों की भरमार के संदर्भ में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी सख्ती बनाई है। 24 घंटे की निगरानी के लिए, पूर्वोत्तर रेलवे मंडल कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां 20 से 24 नवंबर तक अधिकारी और पर्यवेक्षण कर्मचारी तैनात रहेंगे।
यात्रीगण की प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण स्टेशनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया है कि छपरा, बलिया, और गाजीपुर सिटी स्टेशन पर आरक्षित और अनारक्षित काउंटर नियमित रूप से सचिन्तन्य रहेंगे। आवश्यकता के अनुसार, इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय सुविधा के लिए चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैयार रहेगी। इसके अलावा, गाड़ियों को स्टेशन पर अतिरिक्त ठहराव प्रदान किया जाएगा।