तीन मामलों में फरारी जारी रहने वाले मुख्तार अंसारी के बेटे ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी की गई थी।
हेट स्पीच और चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उमर अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उमर अंसारी को तीनों मामलों की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा था। बुधवार को, उमर अंसारी ने एसीजेएम श्वेता चौधरी की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कुछ दिन पहले ही, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उमर अंसारी को आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में अग्रिम जमानत प्रदान की थी। मऊ जिले के कोतवाली नगर थाने के एक उप निरीक्षक द्वारा चार मार्च 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई गतिविधि में आरोप लगाया गया है कि उप निरीक्षक ने गश्त के दौरान पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा होते देखी जहां एक भाषण दिया जा रहा था कि चुनाव के बाद मऊ प्रशासन से हिसाब किया जाएगा।
इस जनसभा का आयोजन चुनाव प्रत्याशी अब्बास अंसारी के समर्थन में किया गया था। अंसारी की अग्रिम जमानत की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड वीडियो में कोई ऐसा साक्षात्कार नहीं है जिससे पता चले कि ऐसा कोई भाषण हुआ था। इसके साथ ही, कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी थी।
बता दें कि उमर अंसारी के खिलाफ तीन मुकदमे चल रहे हैं। पहला मुकदमा एसआई गंगाराम बिंद द्वारा दाखिल शिकायत में हेट स्पीच में शामिल होने का आरोप है। दूसरे मामले में, 27 फरवरी 2022 को बिना अनुमति के रोडशो निकालने और उसमें शामिल होने का आरोप अंसारी पर है। तीसरा मामला भी आचार संहिता के उल्लंघन का है। इन मामलों में, उमर के भाई अब्बास अंसारी भी आरोपी हैं।