गाजीपुर जिले में गंगा नदी पर बने तीन महत्वपूर्ण पुल अब सुसाइड स्पॉट बन चुके हैं। विभिन्न कारणों से आत्महत्या करने का इरादा रखने वाले लोगों ने नदी में छलांग लगाकर कई बार अपनी जान गंवा दी है। लोगों ने पुलों के दोनों तरफ स्थित रेलिंग पर लोहे की जाली लगाने की मांग की है, ताकि आत्महत्या को रोकने के लिए कदम उठाया जा सके, परंतु इसके बावजूद भी स्थिति वैसी ही है जैसी पहले थी।
अगर हम हमीद सेतु के बारे में बात करें, तो पहले यह सुबह का स्वागत स्थल और सेल्फी प्वाइंट के रूप में प्रसिद्ध था, लेकिन अब यह पुल सुसाइड स्पॉट के रूप में माना जाता है। शायद ही ऐसा कोई महीना हो, जब इस पुल से कोई ने छलांग नहीं लगाई हो। इससे कई लोगों की जान चली गई है, लेकिन कई बार नाविकों ने लोगों की जान बचाई है।
यही हाल जमानिया स्थित सख्त पुल का है। यहां हर दिन कोई न कोई आत्महत्या के लिए गंगा में छलांग लगाता है। सैदपुर और चंदौली को जोड़ने वाला गंगा पर बना पुल भी एक सुसाइड स्पॉट बन चुका है। चंदौली क्षेत्र के कई लोगों ने इस स्थान से गंगा में जान दे दी है। एक माता-पिता और उनकी बेटी ने मिलकर आत्महत्या के लिए गंगा में छलांग लगाई थी, जिसे गंगा के किनारे के मल्लाहों और नाविकों ने रोका था।
इस प्रकार की हर रोज हो रही घटनाओं से राहगीरों और आस-पास के लोगों में डर बना रहता है। इस संबंध में रजागंज चौकी इंचार्ज भूपेंद्र कुमार निषाद ने बताया कि एनएचएआई पुल के दोनों तरफ स्थित रेलिंग पर जाली लगाने की मांग कई बार मौखिक और लिखित तरीके से की गई है, लेकिन संबंधित विभाग ने इस पर अब तक गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है।
दस दिनों में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है
गंगा नदी पर स्थित हमीद सेतु, जो ग्रामीण क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ने और आवागमन में मददगार था, अब एक सुसाइट प्वाइंट बन चुका है। पिछले दस दिनों में इस सेतु से तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है। 19 अक्टूबर की रात को सुहवल थाना क्षेत्र के गरूआमकसूदपुर के निवासी परमानंद राय (48) ने आत्महत्या की, जबकि 3 अगस्त को सब्बलपुर खुर्द क्षेत्र के निवासी शालू उपाध्याय (20) ने भी सेतु से कूदकर आत्महत्या कर ली। इसके अलावा, 29 अक्टूबर को एक अज्ञात युवक ने भी गंगा में छलांग लगाई। इस सेतु से पूर्व में भी कई लोगों ने आत्महत्या की है।