जमीनी विवाद और चकबंदी मामलों में लापरवाही के मामले में इन दिनों यूपी सरकार कड़ी कदम उठा रही है। सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए उन अफसरों की सूची तैयार कर रही है। चकबंदी में लापरवाही के मामले में, शासन ने जौनपुर, गाजीपुर, और मिर्जापुर जिलों के अफसरों पर कड़ा एक्शन लिया है। इस क्षेत्र के अफसरों के वेतन पर शासन ने रोक लगा दी है।
इसके साथ ही स्पष्टीकरण भी किया जा रहा है। जौनपुर में अधिक विवाद लटके होने पर, वहां एक अतिरिक्त बंदोबस्त अधिकारी को चकबंदी और एक आशुलिपिक को संबद्ध करने का निर्देश दिया गया है। चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने मंगलवार को वाराणसी में विंध्याचल और वाराणसी मंडल की बैठक के दौरान यह निर्देश दिए।
उन्होंने कामों में लापरवाही के मामले पर जौनपुर के विनोद कुमार वर्मा बंदोबस्त अधिकारी के साथ सभी अधिकारियों का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, नरेंद्र सिंह बंदोबस्त अधिकारी मिर्जापुर, धनराज यादव बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, और गजाधर सिंह चकबंदी अधिकारी गाजीपुर का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बैठक में दोनों मंडलों में चकबंदी कार्यों और राजस्व वादों की सुनवाई की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा बैठक में 10 सालों से अधिक पुराने गांवों में तेजी से चकबंदी का काम पूरा करने का निर्देश दिया है। मिर्जापुर के गांव गौरा, मदईयां, अमोई, सोनभद्र के भैसवार, वाराणसी के कमौली, अजगरा, टिकरी, चंदौली के महुजी कुरहना, जौनपुर के ढेमा, सुरीश, लखेसर, खपड़हा, लखवा और गाजीपुर के ग्राम बेलसड़ी, चौरहीं, रायपुर बाघपुर आदि गांवों में चल रहे राजस्व कामों की समीक्षा की।