बुधवार को सिविल बार एसोसिएशन सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, चंदौली से दिल्ली तक 900 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने वाले अधिवक्ताओं को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। साथ ही, साथी वकीलों ने उनके दृढ़ संकल्प और साहस की सराहना की, उनके संघर्ष, योगदान, और समर्पण की कमी को कभी नहीं भूलने की भी बात की।
सिविल बार के अध्यक्ष चन्द्रभानु सिंह और डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह की अध्यक्षता में, अधिवक्ताओं ने संघर्ष समिति के अध्यक्ष झन्मेजय सिंह, धनंजय सिंह, सत्येंद्र बिंद, योगेंद्र सिंह, रामप्रकाश, प्रदीप, और ज्ञानप्रकाश को माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर चन्द्रभानु सिंह ने कहा कि चंदौली के अस्तित्व के लिए लड़ी जा रही लड़ाई का जब भी जिक्र होगा
संघर्ष समिति के साथीयों के त्याग और संघर्ष को हमेशा याद किया जाएगा। सिविल बार एसोसिएशन चंदौली और जिला न्यायालय के मुद्दे पर संघर्ष समिति के साथ अंतिम क्षण तक सहयोग करेगा। पूर्व अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार संतोष कुमार सिंह ने कहा कि चंदौली जिले के यह गौरवशाली क्षण है। लाखों कठिनाइयों के बावजूद, चंदौली के अधिवक्ताओं के पैर कभी नहीं रुके। वे धूप में जलते रहे हैं और बारिश में भीगते रहे हैं।
इसके बावजूद, चंदौली के गौरव के लिए पैदल चलते रहे। दिल्ली पहुंचकर अधिवक्ताओं ने चंदौली की बातें और समस्याएं दिल्ली तक पहुंचाने का कार्य किया। यह पहली बार है जब किसी ने चंदौली की बातें दिल्ली तक पहुंचाईं हैं। देखा जाए तो यह काम जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक तंत्र का है, लेकिन उनकी शिथिलता और लापरवाही के कारण इस दायित्व को चंदौली के अधिवक्ताओं ने निभाया हैं।
झन्मेजय सिंह ने कहा कि यह सम्मान उन सभी व्यक्तियों को समर्पित है, जिन्होंने न्याय पदयात्रा के दौरान मानसिक, आर्थिक, और मानवीय सहयोग प्रदान करके इस आंदोलन को सशक्त बनाने में मदद की। इस आंदोलन को बहुत से लोग अपने स्नेह, आशीष, और समर्पण से सीखने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर महामंत्री अनिल सिंह, मुरलीधर सिंह, बजरंगी यादव, नंदकुमार सिंह, संतोष सिंह, महेंद्र चतुर्वेदी, हिटलर सिंह, राजबहादुर सिंह, चन्द्रभूषण यादव, फिरोज खान, संदीप सिंह, आदि उपस्थित रहे। संचालन उज्ज्वल सिंह और राकेश रत्न तिवारी ने किया।