कानपुर के एक छात्र ने परिवार के साथ वाराणसी आकर दर्शन-पूजन करना निश्चित किया था। वह अपने दौरे के दौरान केदार घाट पर पहुंचा, जहां उसने गंगा में स्नान करते हुए अचानक डूब जाने का दुर्भाग्यपूर्ण समय चुना। छात्र को डूबते हुए देखकर उसके परिजनों ने हलचल मचाना शुरू किया, लेकिन उन्हें उबारना मुमकिन नहीं था। इस घड़ी में, सूचना प्राप्त होते ही एनडीआरएफ के गोताखोर वहां पहुंचे और उन्होंने छात्र की तलाश में जुट जाने का कार्य संभाला।
जानकारी अनुसार, कानपुर का निवासी, 18 वर्षीय आदित्य कुशवाहा, एक 12वीं कक्षा का छात्र है। उसने सोमवार को अपने परिजनों के साथ वाराणसी का सफर किया था। वह और उसके परिवार के सदस्य गौरी केदारेश्वर मंदिर के सामने गंगा नदी में स्नान कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि नहाने के दौरान अचानक आदित्य की पैर में फिसल गई और वह गहरे पानी में चला गया। आदित्य नहीं तैर सकता था, जिससे वह डूबने लगा। उसके परिजनों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद, लोगों ने शोर मचाना शुरू किया।
शोर सुनने पर स्थानीय लोग वहां जुटे और पुलिस और एनडीआरएफ को सूचना दी। सूचना प्राप्त होते ही पुलिस और एनडीआरएफ के गोताखोर वहां पहुंचे। जहां छात्र ने गंगा नदी में डूब जाने का अनुभव किया था, उस क्षेत्र में एनडीआरएफ के गोताखोरों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन दोपहर तक छात्र के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।
कहा जा रहा है कि आदित्य 12वीं कक्षा के छात्र थे और NEET की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। वह अपने परिवार के साथ पनकी से वाराणसी गए थे ताकि वहां पूजा कर सकें। उनके साथ उनकी मां, नाना-नानी और परिवार के अन्य सदस्य भी वाराणसी आए थे। घटना के बाद से परिजनों का हाल बहुत दुखद है और वे रो-रोकर बुरा महसूस कर रहे हैं।