गाजीपुर अपर सत्र न्यायाधीश कोड नंबर तीन अरविंद मिश्र की अदालत ने थाना भांवरकोल के ग्राम कुंडेसर में हुए हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही, एक अभियुक्त को आयुध अधिनियम के अंतर्गत सात वर्ष के कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। साथ ही, दंड की राशि से 75 प्रतिशत राशि वादी मुकदमा देवंती देवी को देने का आदेश दिया गया है।
अभियोग के अनुसार, 17 फरवरी 2014 को 1:30 बजे रात, वादिनी देवंती देवी, जो विजेंद्र चौधरी की पत्नी हैं और कुंडेश्वर प्रहलादपुर थाना भांवरकोल में निवास करती हैं, ने थाने में तहरीर दी। उसके अनुसार, वह ग्राम शेरपुर खुर्द से कुंडेश्वर प्रहलादपुर आकर परिवार के साथ रहती हैं, जिनका एक और घर शेरपुर खुर्द में भी है। 16 फरवरी 2014 को उसके बेटे उमेश चौधरी और धर्मेंद्र चौधरी ने शेरपुर में बाढ़ में मटर लादने के लिए जाना था।
ट्रैक्टर पर मटर लादने के मामले में, उसके बेटे से पट्टीदार रामचंद्र चौधरी, हरिश्चंद्र चौधरी, गुड्डू चौधरी पुत्रगण, बद्री चौधरी निवासी शेरपुर खुर्द, सुनवाई करने के लिए पहुंचे। उसी बारे में रंजिश को लेकर, उसी दिन लगभग 10 बजे रात को वे उसके घर कुंडेसर पहुंचे और उसके लड़के धर्मेंद्र चौधरी को बुलाया, जिसके बाद वह अपने बेटे उमेश और धर्मेंद्र के साथ बाहर गई।
आरोप है कि रामचंद्र चौधरी ने धर्मेंद्र को उसके सामने धकेला, जिससे धर्मेंद्र गिर गया, और इसके बाद रामचंद्र ने उसके पेट में गोली मारी, इसके बाद तीनों शेरपुर की ओर भागे शोर सुनकर गांव के बहुत से लोग आ गए।
धर्मेंद्र को इलाज के लिए वादिनी के बेटे पंकज और उमेश हॉस्पिटल लेकर गाजीपुर गए। तहरीर के आधार पर तीनों अभियुक्तों के खिलाफ हत्या प्रयास का मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस ने रामचंद्र चौधरी के पास से हथियार बरामद किया। इलाज के दौरान धर्मेंद्र की मौत हो गई और बाद में विवेचना के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से नीरज श्रीवास्तव ने विचारण के दौरान आठ गवाहों को पेश किया।
अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद अदालत ने तीनों अभियुक्तों को हत्या के दोषी पाते हुए, तथा रामचंद्र चौधरी को हत्या के साथ 7/25 आयुद्ध अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाते हुए सजा सुनाई।