गाजीपुर जिले में स्थित ससुराल के सुखडेहरा गांव में सेना के एक जवान ने फंदे से जान दे दी। सूचना पुलिस की जानकारी में आने पर, पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने पुलिस को यह बताया कि उनका पुत्र मृत्यु होने के बाद सेना के जवान के दुःख में कोई और नहीं था, और इसके कारण सेना के जवान ने इस कदम की ओर बढ़ते हुए। वे पहले से ही दो बेटियों के पिता थे।
गहमर कोतवाली के चकवा पट्टी निवासी दिनेश राजभर (40) भारतीय सेना के ग्रिप कोर में उत्तराखंड में तैनात थे। शादी के बाद, वह अपने परिवार के साथ ससुराल सुखड़ेहरा में बसे रहते थे। दिनेश की पत्नी सुनीता राजभर प्रसव के लिए परिजनों के साथ वाराणसी गई थी। 14 अक्टूबर को, ऑपरेशन के बाद, उनका पुत्र पैदा हुआ। इसी दौरान, सेना के जवान दिनेश अपनी छुट्टी का इस्तेमाल करके 15 अक्टूबर को वाराणसी पहुंचे।
मरा हुआ बच्चा पैदा होने की खबर सुनकर काफी दुखी हुए। उन्होंने दो दिन अस्पताल में बिताए और फिर 17 अक्तूबर को दिनेश सुखड़ेहरा वापस गांव चले आए। ग्रामीण लोगों ने बताया कि ससुराल में केवल दिनेश की पत्नी कंचन ही बची थी, जबकि उनके दो साले भाई शैलेंद्र और दिनेश किसी दूसरे क्षेत्र में रहकर काम करते थे। शाम को ससुराल पहुंचते ही दिनेश ने हल्लाहै किया, फिर एक कमरे में जाकर सो गए।
बुधवार सुबह, सरहज कंचन कमरे में गई और वहां पहुंचकर दिनेश को फंदे से लटकता पाया, जिसके दृश्य को देखकर उसने चीख दी। अगले कुछ पलों में, मौके पर मौजूद लोग भी हैरानी में थे। इस सूचना के बाद, पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। स्थानीय थानाध्यक्ष राजबहादुर सिंह ने बताया कि सरहज कंचन ने दिनेश के मृत्यु के बारे में पुलिस को सूचना दी है।
इसमें बताया गया है कि 14 अक्तूबर को सेना के जवान की गर्भवती पत्नी के ऑपरेशन से पुत्र का जन्म हुआ था, लेकिन दुखद तौर पर मृत्यु हो गई। यह उन्हें बहुत दुखी किया, और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने आत्महत्या कर ली। दिनेश की दो बेटियों और पत्नी सहित अन्य परिवार के सदस्यों का मानसिक स्वास्थ्य बहुत ही खराब है।