गाजीपुर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने शनिवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को तीन महीने के अंदर एक लाख 25 हजार रुपये के दावे की धनराशि देने के लिए आदेश जारी किया है। आयोग ने सैदपुर कार्यालय के शाखा प्रबंधक और वाराणसी के भेलुपुर गौरीगंज स्थित मंडल LIC कार्यालय के विधिक प्रबंधक को पत्र जारी किया है।
सैदपुर की वार्ड नंबर आठ, रानी चौक पश्चिम बाजार की मीरा देवी ने 28 अक्टूबर 2013 को परिवाद दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी 2011 को उनके पति नंदलाल ने एक लाख 25 हजार रुपये का LIC बीमा कराया था जिसकी किस्त 510 रुपये थी। पांच दिसंबर को नंदलाल की मृत्यु हो गई, जिस पर मीरा ने क्लेम करने का दावा किया।
उन्होंने इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कराए। 31 जुलाई 2013 को LIC कंपनी ने क्लेम को नकारात्मक रूप से जवाब दिया, कहते हैं कि LIC बीमा धारक सात वर्ष से बीमार थे और पांच वर्ष से कैंसर से पीड़ित थे। LIC पॉलिसी नौ माह नौ दिन तक चली थी।
आयोग ने मीरा के अधिवक्ता मुरली मनोह सिन्हा और विपक्षी अधिवक्ताओं की बहस को सुना और उनके साथ दस्तावेज की समीक्षा की। इसके दौरान, आयोग ने खुलासा किया कि नंदलाल ने बीमा कराते समय पूर्णतः स्वस्थ थे और प्रीमियम का भुगतान भी किया था।
आयोग ने निर्णय किया कि मीरा को तीन महीने के अंदर 1 लाख 25 हजार रुपये का क्लेम देना चाहिए। साथ ही, वाद दाखिल करने की तिथि से धनराशि पर 8% ब्याज, शारीरिक और मानसिक क्षति के लिए 10,000 रुपये, और वाद व्यय में 5,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। सुनवाई में, आयोग के अध्यक्ष सुजीत कुमार श्रीवास्तव और सदस्य महिला सदस्य दीपा रानी मौजूद रहे।