शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना, जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह आपके चलने-फिरने और उठने-बैठने में भी मुश्किल कर सकता है। इस स्थिति को नियंत्रित करने और इससे मुक्ति प्राप्त करने के लिए कुछ फलों का सेवन करना उपयुक्त हो सकता है।
लेकिन इसमें थोड़ा सा अंतर है, आपको इन फलों को कच्चा ही खाना है। जब आप इन्हें कच्चे रूप में खाएंगे, तो आपके शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ेगी, और फिर इनका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, ये गाउट की स्थिति को ट्रिगर करने से बचाएगा। तो, चलिए जानते हैं इन फलों के बारे में।
कच्चा केला, हाई यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें भरपूर फाइबर और रफेज होता है, जो पेट की मेटाबोलिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है और प्यूरिन की गति में तेजी लाता है। इसके अलावा, कच्चे केले गाउट से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सुरक्षित हो सकते हैं, क्योंकि इनमें प्यूरीन की मात्रा कम होती है। इनमें विटामिन सी भी होता है, जो खून में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
कच्चा पपीता ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट और गठिया के रोगियों के लिए सूजन-रोधी, यानी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। इसके कारण, हाई यूरिक एसिड के मरीज इसे आराम से खा सकते हैं। इसमें फाइबर और रफेज की अच्छी मात्रा होती है, जो प्यूरिन मेटाबोलिज्म को तेज करता है और मल के जरिए अतिरिक्त प्यूरिन को बाहर निकालने में मदद करता है।
कच्चा केला और पपीता खाने का सही तरीका यह है कि इन दोनों की सब्जी बनाकर उन्हें खाएं। इसके अलावा, आप इन दोनों को उबालकर और इनका चोखा बनाकर भी इन्हें आनंद से खा सकते हैं। ये पेट की कई समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। तो, अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है, तो आप अपनी डाइट में इन दोनों फलों को कच्चा खा सकते हैं।