चंदौली-गाजीपुर को जोड़ने वाले रामकरण सेतु पर बने स्थान से एक छात्रा का शव, जो गंगा में कूदी थी, 72 घंटे बाद गंगा से निकाला गया। परिवार के अनुसार, छात्रा डीएलएड की पढ़ाई करने का इरादा रखती थी और उसने दाखिले के लिए काउंसिलिंग भी करवा ली थी। लेकिन, फीस के प्रबंधन में अड़चन के कारण, उसका दु:खी होना शुरू हो गया था।
इस तनाव में, उसने नदी में कूदकर अपने जीवन को समाप्त कर दिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर शोक व्यक्त किया और ट्वीट करते हुए कहा कि बेरोजगारी की समस्या से जूझते हुए परिवारवाले ही इसे सहन करते हैं और अपनों के जीवन की खोई जान का दुख केवल परिवारवाले ही समझ सकते हैं।
शव को ठेले पर रखकर परिजन थाने पहुंचे। सैदपुर वार्ड नंबर 12 में निवासी गौरी सैनी की बेटी, राधिका सैनी (22) वर्ष, उनकी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ी थी। मां, सुनैना देवी, और परिवार के अन्य सदस्य फूलों के काम में लगे रहकर अपने जीवन का यापन करते थे। राधिका सैनी ने एमए के बाद डीएएलएड करने का इरादा किया था और इसके लिए क्षेत्र के एक महाविद्यालय में काउंसलिंग भी करा ली थी।
दाखिले के लिए पैसों की आवश्यकता थी, पर पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाई। सात अक्तूबर की रात, राधिका किसी समय अपने घर से गायब हो गई। अगले दिन, उसका दुपट्टा और चप्पल कागज के टुकड़े पर नाम और पता लिखकर मिला। आमतौर पर, इस पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वह गंगा नदी में छलांग लगा दी थी। इसके बाद, पुलिस ने भी शक के आधार पर खोजबीन कर, मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सोमवार शाम करीब पाँच बजे, उसका शव गंगा नदी सैदपुर के गायघाट पर उतरा देखा गया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव को निकाला और उसे ठेले पर रखकर थाने ले गए। वहां, चौकी प्रभारी रामकुमार दुबे ने शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल वंदना सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।