चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गाजीपुर जनपद विकास कर रहा है। नर्सिंग कॉलेज और केयर यूनिट को स्थापित करने का इंतजार अब जल्द ही समाप्त होगा। शहर से सटे गाजीपुर-बेबड़ी मार्ग के किनारे, मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि चिह्नित कर ली है। नवंबर से निर्माण की शुरुआत होने की संभावना है।
महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के साथ जिले में एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। यहां की चिकित्सकीय व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुआ है। संबद्ध जिला और महिला अस्पताल में मरीजों का उपचार भी शुरू हो गया है। इससे जनपद के साथ ही आस-पास के गैर जनपदों और प्रांतों के लोगों को भी लाभ हो रहा है।
इस संदर्भ में सरकार ने नर्सिंग कॉलेज और क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित करने का आदेश दिया, जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जिला महिला अस्पताल परिसर में स्थापित पीपी मॉडल पर बने भवन का चयन कर प्रस्ताव भेजा, लेकिन सरकार ने जमीन चिह्नित करने का आदेश दिया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने शहर के आस-पास दो जगहों पर भूमि चिह्नित की। गाजीपुर-बबेड़ी मार्ग के किनारे मिले छह हजार स्क्वायर मीटर का चयन किया गया है। जहां नर्सिंग कॉलेज के साथ ही 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट भी बनाया जाएगा। यहां पर पढ़ाई के साथ ही क्रिटिकल मरीजों को भर्ती कर उपचार भी होगा।
लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण। गाजीपुर शहर से सटे गाजीपुर-बबेड़ी मार्ग के किनारे बनने वाले नर्सिंग कॉलेज और क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से होगा। शासन ने इसके लिए धनराशि भी आवंटित कर दी है। जिला प्रशासन ने चिन्हित भूमि पर मुहर लगते ही कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रस्ताव तैयार करके अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह तक इसे शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद, वहां से हरी झंडी मिलने पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
नर्सिंग कॉलेज 60 सीटों का होगा, जो गाजीपुर जिले में स्थापित होने जा रहा है। यहां प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई की उत्कृष्ट सुविधा के साथ-साथ उनके रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा, इन छात्राओं द्वारा मेडिकल कॉलेज से संबंधित दोनों अस्पतालों में प्रायोगिक शिक्षा भी दी जाएगी। इसके साथ ही, इसके लिए धीरे-धीरे तैयारियां शुरू की गई हैं।
गाजीपुर-बबेड़ी मार्ग के किनारे छह हजार स्क्वायर मीटर क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। जिला प्रशासन ने मुहर लगाने के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को भेजा जाएगा। कॉलेज के निर्माण के लिए आवंटित धन पहले ही हो चुका है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही निर्माण का कार्य नवंबर माह से शुरू होने की उम्मीद है।