वाराणसी में, 9वीं कक्षा के एक छात्र ने ऑनलाइन मोबाइल गेम पबजी की आदत में डूबकर हजारों रुपए खर्च कर दिए। घर के व्ययों के साथ-साथ, वह बाहर भी कर्ज ले लिया और हजारों रुपए हार गए। जब दबाव बढ़ा, तो छात्र ने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिवारजनों को सुबह में उसका शव फांसी से लटकता हुआ मिला। आनन फानन में उन्होंने उसको नीचे उतारकर अंतिम संस्कार कर दिया।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना निवासी, 15 साल का राहुल मौर्य जिनके पिता का नाम राजू मौर्य था, 9वीं कक्षा के छात्र थे। राहुल मौर्य अपने मोबाइल में पबजी और ड्रीम-11 जैसे ऑनलाइन खेलते थे। पहले, वे घर से पैसे लेकर मैच खेलते थे। अगर वे हार जाते तो उन्होंने करीबी दोस्तों, रिश्तेदारों और सूदखोरों से हजारों रुपये कर्ज लिया।
वे कर्जदारों को अगले मैच में जीतने का वादा करते रहते लेकिन जब वे हारते जाते तो उन पर दबाव बढ़ जाता। राहुल ने अब तक इन खेतों में लगभग 80 हजार रुपये हार लिए थे। सोमवार की देर रात, उन्होंने घर में पंखे के सहारे फांसी लगा ली। सुबह के साथ, जब उन्हें नहीं देखा गया, तो उनकी खोज शुरू हुई। मां ने बगल के कमरे में पंखे से बेटे को लटकता पाया, जिसके बाद वह चीख उठी।
ग्रामीणों के अनुसार, हार के बाद रुपयों को वापस करने के दबाव और परिजनों के भय के कारण राहुल ने आत्महत्या की कदम उठाई है। राहुल एक बहन और दो भाइयों में सबसे छोटा था और उनके पिता किसान थे। परिवारजनों ने बिना पुलिस को सूचना दी, ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के बाद से माता-पिता समेत अन्य परिजन बहुत दुखी हैं। चौबेपुर के एसओ राजीव सिंह ने बताया कि पुलिस को इस घटना के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।