गैंगस्टर मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन एमपी/एमएलए कोर्ट अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने दोषी ठहराया है। मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगा है। दूसरे दोषी सोनू यादव को पांच साल की सजा और दो लाख का जुर्माना लगा है।
इस बारे में जान लें कि गुरुवार को गैंगस्टर मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी और उसके सहायक सोनू यादव को दोषी ठहराया गया था। इस प्रक्रिया के दौरान, मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से न्यायालय में पेश हुए, जबकि सोनू यादव न्यायालय में उपस्थित थे।
Kya hai करंडा मामला?
2009 में करंडा थाना क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत करंडा थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई लंबे समय से चल रही थी। सात अक्टूबर को मुख्तार अंसारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और सोनू यादव ने बयान दिया था। इसके बाद 11 अक्टूबर को विचार-विमर्श के लिए तिथि निश्चित की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।
17 अक्तूबर को अभियोजन पक्ष के सहायक सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव, मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के वकीलों द्वारा अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए गए थे। बहस के सुनने के बाद, न्यायालय ने निर्णय के लिए एक तारीख निर्धारित की थी। न्यायालय ने 26 अक्तूबर, गुरुवार को शाम को चार बजे मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी करार दिया। साथ ही सजा के मुद्दे पर सुनवाई और सजा की तारीख को 27 अक्तूबर के लिए निर्धारित किया गया था।