मौसम की बेरुखी एवं तेज धूप व वर्षा नहीं होने से किसने की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि किसानों द्वारा रोपी गई धान की फसल में पानी नहीं होने से खेतों में दरार पड़ रही है। वहीं धान की पत्तियां पीली पड़ रही है। किसान अपनी फसल को देखकर काफी मायूस है। कर्मनाशा नदी में लगाए गए पंप कैनाल का पानी टेल तक नहीं पहुंचने की वजह से किसने की चिंता और भी बढ़ गई है। वहीं सिंचाई विभाग की अधिकारी एवं कर्मचारी बेपरवाह बने हुए हैं।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के देवल गांव में कर्मनाशा नदी में लगाए गए पंप कैनाल का पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है जिससे किसानों को सिंचाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है ।
देवल पंप कैनाल की नहर से देवल गांव के अलावा आसपास के गांव अमौरा, लहना, बरेजी, बकसडा, हरीकेशपुर गांव के किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं। इस समय धान की फसल के लिए सिंचाई अति आवश्यक है लेकिन पंप कैनाल का पानी अभी टेल तक नही पहुंचने से धान की सिंचाई करने में किसानो को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।
वह निजी पंपसेट के सहारे धान की सिंचाई किसान कर रहे है। आलम यह है कि बरसात के मौसम में देवल मुख्य नहर पूरी तरह से सूखी पड़ी हुई है एवं धूल उड़ रहा है। किसानों का कहना है कि कई बरसों से धान के सीजन में टेल तक पानी नहीं पहुंचता है जिससे हजारों बीघा धान की फसल की सिंचाई नहीं हो पाती है । जिससे किसान अपने निजी पंपसेट के सहारे किसी तरह धान की सिंचाई करते हैं।
वहीं खेतों में पानी नहीं होने से खेतों की नमी चली गई है। और खेत सूख गया है जिससे खेतों में दरार पड़ गई है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी टेल तक पानी कैसे पहुंचे इसके लिए वह कोई पहल नहीं कर रहे हैं।